रायपुर : मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई बन रही पशुपालकों के लिए वरदान
Last Updated on 5 months by City Hot News | Published: July 9, 2024
- कोई भी पशुपालक बीमार पशु की इलाज के लिए चिकित्सा वाहन अपने स्थान पर बुला सकता है
- पशु संरक्षण को मिल रहा है बढ़ावा
रायपुर(CITY HOT NEWS)/
अब राज्य के पशुपालको को अपने पशुओं के बीमार होने पर चिंता होने की जरूरत नहीं रही, क्योंकि अब वह आसानी से अपने स्थान पर चिकित्सा वाहन बुलवाकर अपने बीमार पशु का अच्छे से इलाज करवा सकता हैं। इस योजना के तहत केवल एक मोबाइल कॉल के द्वारा बीमार गोवंश को बेहतर चिकित्सा का लाभ मिल रहा है। वहीं इंसानों की तरह ही अब पशुओं को भी चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल रहा है, जिससे पशुओं में बीमारियां कम फैलने के कारण उनकी मृत्यु दर में कमी आ रही है।
पशुपालकों ने बताया कि पशुओं के स्वास्थ्य के लिए अब चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। कोंडागांव जिले में मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई पशुपालक किसानों के लिए वरदान बन गई है। कोंडागांव जिले में पशुओं को समय पर बेहतर चिकित्सा सुविधा पहुंचाने में यह सेवा बहुत ही कारगर साबित हो रही है। इस योजना में चिकित्सा वाहन के माध्यम से बीमार पशुओं को घर घर जाकर उचित इलाज किया जा रहा है। अच्छी ईलाज के अभाव में जब पशुओं में बीमारी फैलने से उसकी मृत्यु हो जाती है। जिससे पशुपालक को भी हानि होती है। इससे किसान की आर्थिक स्थिति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई के कारण अब किसानों को बीमार पशुओं को अस्पताल तक पहुंचाने की चिंता भी कम हो गई है। मोबाइल चिकित्सा योजना के लागू हो जाने के बाद पशु संरक्षण को बढ़ावा मिलने लगा है। अब कोई भी पशुपालक अपने पशु के बीमार होने पर जल्द से जल्द चिकित्सा वाहन को अपने स्थान पर बुलवा सकते हैं और अपने पशुओं का अच्छे से समय पर इलाज करवा सकते हैं।
पशु चिकित्सा सेवाएं के उप संचालक श्री शिशिरकांत पांडे ने बताया कि इस वाहन में रोग की जांच व उपचार के साथ ही कृत्रिम गर्भाधान और निकृष्ट बैलों के बधियाकरण के उपकरण की सुविधा भी उपलब्ध रहती है। यह वाहन प्रतिदिन तीन स्थानों पर शिविर आयोजित कर पशुओं के रोगों की जांच व उपचार करती है।इसके माध्यम से अब तक 40 हजार 783 पशुओं का उपचार, 11541 पशुओं में रोग जांच, 38 हजार 945 पशुओं को दवाईयां, 71 गायों का कृत्रिम गर्भाधान, 1818 निकृष्ट पशुओं का बधियाकरण और 29189 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
ग्राम पश्चिम बोरगाव के पशुपालक श्री सनोज दास की गाय में प्रसव पश्चात उसका गर्भाशय (बच्चादानी) बाहर आ गया था । जिसकी सुचना पशु मालिक द्वारा मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई के हेल्पलाइन न. 1962 में कॉल कर दी गयी। सुचना पर मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई की टीम ने तत्काल पहुच कर पीड़ित गाय का गर्भाशय अंदर किया गया तथा जरूरी उपचार किया गया। वर्तमान स्थिति में गाय पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
माकड़ी ब्लॉक के ग्राम पखनाबेड़ा के पशु पालक श्री मरदम सिंह वट्टी की बकरी प्रसव करने में असमर्थ थी तथा 6 घंटों से पीड़ित थी। जिसकी सूचना पशु मालिक द्वारा मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई की टीम को मिलने पर टीम द्वारा तत्काल पहुंचकर बकरी के गर्भाशय मे फंसे हुए मेमना को बाहर निकाला गया और बकरी तथा मेमने दोनों की जान बचाई गई वर्तमान मे बकरी तथा मेमना दोनों ही स्वस्थ है।