उत्तर बस्तर कांकेर : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री अनंत नायक ने ली समीक्षा बैठक

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 20, 2023

  • वनोपज के माध्यम से आजीविका संवर्धन पर दिया गया जोर


उत्तर बस्तर कांकेर(CITY HOT NEWS)//

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री अनंत नायक ने आज जिला कार्यालय कांकेर में अधिकारियों की बैठक लेकर अनुसूचित जनजातियों के कल्याण एवं विकास के लिए संचालित की जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत समीक्षा किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनजाति समुदाय को उनके पारंपरिक सांस्कृतिक व्यवहारों तथा मूल स्वभाव को बनाए रखते हुए उनके विकास के संबंध में आवश्यक प्रयास करने की आवश्यकता है। शासन द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से उनके सामाजिक-आर्थिक विकास किया जाना है, साथ ही सामुदायिक भावना को बढ़ावा देते हुए उनके हितों की रक्षा किया जाना है। जनजातियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण प्रदान करने एवं वनोपज के माध्यम से आजीविका संवर्धन पर जोर दिया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एस.अहिरवार, वन मण्डलाधिकारी कांकेर आलोक बाजपेयी, जनजाति कल्याण विभाग के श्री आर.के दुबे, श्री पीके दास एवं पी.के. परिधा, आदिवासी विकास विभाग के अपर संचालक जितेन्द्र गुप्ता, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मनीष मिश्रा सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
             राष्ट्रीय जनजाति आयोग के सदस्य श्री नायक ने जिले में जनजातियों के कल्याण हेतु किए जा रहे कार्यों में सामाजिक पारिस्थिति प्रमाण पत्र, वनाधिकार मान्यता प्रमाण पत्र, पंचायती राज संस्थानों में जनजातियों का प्रतिनिधित्व, जनजाति समूहों को विभिन्न व्यवसायों में शामिल करने तथा जनजाति महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा की जा रही कार्यों, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवारों को दिए गए आवास, जनजातियों की  साक्षरता, शिक्षा, समाज कल्याण और आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित आश्रम-छात्रावास की स्थिति, छात्रवृत्ति योजना, जनजाति वर्ग द्वारा की जाने वाली खेती-किसानी, फसल और शासन द्वारा प्रदत्त योजनाओं के संबंध में चर्चा की गई।
          इसके अलावा आर्थिक संसाधन के तहत जनजाति समुदाय द्वारा लघु वनोपज संग्रह, शिक्षित बेरोजगारों, आदिवासी वित्त विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं से लाभ, जनजातीय बहुल क्षेत्रों में आधोसंरचना विकास, पेयजल, विद्युत व्यवस्था, राशन कार्ड और राशन सामाग्री की वितरण की स्थिति, अत्याचार निवारण अधिनियम के अधीन प्रकरण, जनजाति क्षेत्र योजना और विशेष केन्द्रीय सहायता योजना, बाल मजदूर को रोकने के प्रयास, आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित योजनाएं के साथ-साथ अन्य विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तार से चर्चा किया गया एवं दिशा निर्देश दिये गये।
            आयोग के सदस्य श्री नायक द्वारा भूमिहीन आदिवासी कृषकों को स्वरोजगार के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गये। अनुसूचित जनजाति महिलाओं को स्व-सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक सहायता देने तथा समूहों द्वारा तैयार की गई उत्पाद की बिक्री बढ़ाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने वनधन केंद्रों की गतिविधियों की जानकारी लेते हुए कहा कि प्रत्येक पंचायत अथवा दो-तीन पंचायतों को मिलाकर वनधन केन्द्रों की स्थापना की जाये तथा उसके माध्यम से जनजाति वर्ग के महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जावे।