रायपुर : शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ द्वारा मनाई गई बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती

Last Updated on 7 months by City Hot News | Published: April 14, 2024

रायपुर,(CITY HOT NEWS)//

शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ
शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ

नवा रायपुर अटल नगर में आज शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133 वीं जन्म जयंती  समारोह मनाई गई। बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उपस्थित अधिकारियों ने बाबा साहब के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही डॉ. अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। अटल नगर नवा रायपुर में इंद्रावती भवन के समीप अम्बेडकर चौक में आयोजित कार्यक्रम में संचालक कोष लेखा एवं पेंशन श्री महादेव कावरे, सदस्य रेरा श्री धनंजय देवांगन, विभागीय जांच आयुक्त श्री दिलीप वासनीकर, अपर संचालक जनसंपर्क श्री आलोक देव, औद्योगिक न्यायालय के जज श्री एस एल मात्रे, कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक श्री कमल वर्मा, अपाक्स के अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र देवांगन, सोजलीफ कोफाउंडर श्री अनिल बनज, विद्युत मंडल के अभियंता श्री राजकुमार सोनकर, विभागाध्यक्ष कर्मचारी संघ अध्यक्ष श्री राम सागर कोसले, श्री संतोष कुमार वर्मा व शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ अध्यक्ष श्री देवलाल भारती आदि अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन कर आदरांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर भारत के संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया गया।

संचालक, कोष लेखा और पेंशन श्री महादेव कावड़े ने कहा कि हम जिस मुकाम और जगह पर आज हैं वह सब बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की वजह से हैं। भारत का संविधान, प्रावधान और बाबा साहेब के विचार को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने संविधान में स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारे के प्रावधान भारत देश के हरेक व्यक्ति के लिए किया है।

सदस्य रेरा श्री धनंजय देवांगन ने कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के कार्यो, संघर्ष, उपलब्धि और संविधान के बारे में सबको जानकारी है। हम उनके आदर्शों को अपनाने की बात करते हैं। डॉ भीमराव अम्बेडकर ने कहा था मेरे बाद करोड़ो भीमराव अम्बेडकर होना चाहिए। लेकिन आज तक उनके आदर्शों और व्यक्तित्व तक नहीं पहुँच पाएं हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहना चाहिए। हमारा पूरा संविधान डॉ भीमराव अम्बेडकर ने ड्राफ्ट किया।


विभागीय जांच आयुक्त श्री दिलीप वासनीकर ने कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर एक समाजशास्त्री, मानवशास्त्री, अर्थशास्त्री, इतिहास और राजनीति सभी क्षेत्रों का ज्ञान था। उन्हें 9 भाषाओं का ज्ञान था एवं  32 डिग्रियां प्राप्त की। सबसे बड़ा पवित्र ग्रंथ भारतीय संविधान है और हमारे मुक्तिदाता डॉ भीमराव अम्बेडकर हैं। उनका संघर्ष और जो उन्होंने अभाव में जीवन यापन किया उससे बड़ा संघर्ष और कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने जो त्याग किया, उससे बड़ा त्याग कोई नहीं कर सकता।

अपर संचालक, जनसंपर्क विभाग श्री आलोक देव ने कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती आज केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के 25 देशों में मनाया जा रहा है। आज के इस दिन को यूनेस्को ने शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और दुनिया के 25 देशों में इस दिन को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाबा साहब का छत्तीसगढ़ से बहुत प्यारा नाता रहा है। 12 दिसम्बर 1945 को बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर का पहली बार छत्तीसगढ़ आगमन हुआ। बाबा साहब का प्रभाव छत्तीसगढ़ में उनके आने से पहले से था। बाबा साहब दलित शोषित का उत्थान कैसे किया जाए इस बारे में वह निरन्तर प्रयास करते रहते थे। बाबा साहब का प्रभाव उस रूप में आजादी से पहले से था। श्री एस.एल.मात्रे, जज, औद्योगिक कोर्ट ने कहा कि बाबा साहब संविधान के पितामह है। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने शोषितों, वंचितों और महिलाओं के लिए कार्य किया। इस मौके पर उपस्थित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों सर्व श्री अनिल कुमार बनज, श्री कमल वर्मा, श्री सत्येन्द्र देवांगन, श्री राजकुमार सोनकर श्री धर्मेन्द्र घृतलहरे, आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।