CSPDCL गोडाउन अग्निकांड में 400 करोड़ के उपकरण खाक: 9 घंटे बाद आग पर काबू,रात भर बिना बिजली रहे 10 हजार परिवार; पीड़ितों को मुआवजा…
Last Updated on 8 months by City Hot News | Published: April 6, 2024
रायपुर// रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में स्थित बिजली कंपनी CSPDCL के मुख्य गोडाउन में आग लगने से चार हजार ट्रांसफॉर्मर, मीटर, कंडक्टर, वायर और ऑयल जलकर खाक हो गया। इस घटना में बिजली कंपनी को 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
शुक्रवार की दोपहर 1.30 बजे लगी भीषण आग पर रात 11 बजे तक 30 से 40 फायर ब्रिगेड काबू पा सकीं। देर रात तक एसएसपी, कलेक्टर, फायर फाइटिंग प्रभारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। देर रात भी हल्की लपटों को बुझाने का काम चलता रहा। इलाके की बिजली भी बंद कर दी गई थी।
साढ़े 3 एकड़ में फैले इस गोदाम का लगभग पूरा हिस्सा आग की चपेट में आ गया था। शुक्रवार देर शाम मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जो नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जाएगा। आग कैसे लगी इसकी भी जांच कराई जाएगी।
गोदाम में लगी आग से वहां रखे ट्रांसफॉर्मर पटाखे की तरह फटने लगे। जैसे-जैसे आग बढ़ी तो दूर-दूर तक आसमान में धुएं का गुबार दिखने लगा। पुलिस ने 3 किलोमीटर के दायरे को खाली कराते हुए रास्ता ब्लॉक कर दिया था। इसके अलावा आसपास के घर भी खाली कराए गए।
अग्निकांड से पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने की कोशिश भी की जा रही है। शनिवार को 40 परिवारों को 3 लाख 60 हजार रुपए की राहत राशि बांटी गई है।
ट्रांसफॉर्मर की एक चिंगारी से इतना बड़ा हादसा
गोदाम के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पूरी घटना बयान की। उसने बताया, कि वह बाहर था। इस दौरान दोपहर डेढ़ बजे तेज धमाका हुआ। आवाज सुनकर सभी लोग अंदर की तरफ दौड़े, तो देखा, कि ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी, वहां से कुछ दूरी पर पड़े ड्रम में जाकर गिरी।
जब तक हम लोग कुछ समझ पाते ड्रम सुलगने लगे और धमाके होने लगे। जिस तरफ धमाके हो रहे थे, उससे कुछ दूरी पर बड़ी संख्या में इंजन ऑयल से भरे ड्रम रखे थे। इन ड्रमों को वहां पर मौजूद कर्मचारियों ने धकेलकर स्टोर से बाहर निकालना शुरू किया। कुछ ड्रमों के ढक्कन खोल दिए।
आग बढ़ने लगी, तो सभी कर्मचारी बाहर सड़क की तरफ निकल आए। आग की लपटें देखकर भीड़ जमा होने लगी, इतने में पुलिस भी पहुंच गई। भीड़ को स्टोर की बाउंड्री से बाहर किया गया। इस दौरान विभागीय अधिकारी और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई और आग बुझाने लगी।
गोडाउन में उठती आग की लपटें।
फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं होने से बढ़ी आग
बिजली कंपनी के सूत्रों के मुताबिक जिस गोडाउन में आग लगी, वहां पर करोड़ों का सामान रखा हुआ है। सामान तो रख दिया, लेकिन उसकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। भंडार गृह को बाउंड्री ब्लॉक कराकर अफसरों ने DE के भरोसे छोड़ दिया। यहां फायर फाइटिंग उपकरण के इंतजाम नहीं है।
उपकरण नहीं होने से गोडाउन में मौजूद कर्मचारी आग बुझाने की कोशिश भी नहीं कर पाए और आग बढ़ती गई।
धमाकों से दहशत, लोग सिलेंडर लेकर घर से भागे
गोडाउन से कुछ दूरी पर पर रहने वाले उइके परिवार के सदस्यों ने बताया, कि दोपहर डेढ़ बजे पहला धमाका हुआ। बाहर आकर देखा तो धुंआ निकल रहा था। कुछ देर बाद तीन से चार धमाके हुए और स्टोर के अदंर बड़ी लपटें दिखने लगीं। आग की तपिश बर्दाश्त से बाहर हो रही थी।
इसी बीच फायर ब्रिगेड की गाड़ी आई और आग बुझाने की कोशिश में जुट गई। इसी बीच किसी ने कहा, कि आग की तपिश से घर में रखे सिलेंडर फट सकते हैं। यह सुनकर आस-पास रहने वाले लोग घरों से सिलेंडर निकालकर भागने लगे। कुछ लोग आग लगने के डर से पैसे, ज्वेलरी को कपड़े में बांधकर निकलने लगे थे।
गोडाउन में जलकर खाक हुए ट्रांसफॉर्मर और आग बुझाते दमकलकर्मी।
40 परिवारों को मिलेगा मुआवजा
आग लगने के बाद मौके पर पहुंचे रायपुर कलेक्टर ने मातहतों को स्थानीय लोगों को मुआवजा देने का ऐलान किया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया, कि गोडाउन से लगे इलाकों में जिन लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। जिला प्रशासन की टीम ने ऐसे 40 परिवारों को चिन्हित किया है।
इन परिवारों की घर की छत पर रखी पानी टंकी, पाइप लाइन, मीटर और किचन की छत आग लगने से खराब हो गई। इन सभी परिवारों को आज (6 अप्रैल) जिला प्रशासन के अधिकारी चेक देंगे। जिस परिवार का जितना नुकसान होगा, उस परिवार काे उसके मुताबिक मुआवजा मिलेगा।
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय।
CM साय बोले- हादसे की जांच होगी
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दैनिक भास्कर से कहा कि भगवान की कृपा से कोई जनहानि नहीं हुई। विभाग के कुछ अधिकारियों ने भी मुस्तैदी दिखाई। ऑयल के टैंकर को खोल दिया गया, जिससे ज्यादा ब्लास्ट नहीं हुआ। जिन लोगों को नुकसान हुआ है, उसका आकलन किया जाएगा और आग लगने की भी जांच की जाएगी।
रात भर मौके पर डटे रहे अधिकारी
चीफ सेक्रेटरी पी दयानंद रात 12.30 बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि आग विकराल थी, लेकिन पूरी मुस्तैदी से टीम काम कर रही है। कलेक्टर, एसपी, नगर निगम अमला, फायर फाइटर, पीएसयू, प्राइवेट सेक्टर के लोगों के साथ ही दूसरे जिलों से भी रिसोर्स प्रोवाइड कराया गया। आग पर रिकॉर्ड समय पर काबू पाया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हालात पर नजर रखे हुए थे। जैसे ही सूचना मिली उन्होंने मुझे मौके पर भेजा। पूरी टीम यहां पर काम कर रही थी और स्थिति पर 8 से 9 बजे तक काबू पा लिया गया था।
मुख्य सचिव ने दिए जांच के निर्देश
चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि यह हमारी रेस्टोरेशन कंपनी का स्टोर था। इसकी जांच के लिए मैंने आदेश दिया है। कमेटी इसकी जांच करेगी। आगे से इस तरह की घटनाएं न हों, उस पर भी काम करेंगे।
हादसे के बाद लाइट बंद होने से लोगों को घर के बाहर सोना पड़ा।
9 घंटे बिना बिजली के रहे 10 हजार से ज्यादा परिवार
आग लगने के कारण बिजली कंपनी ने कोटा, रामनगर, गुढ़ियारी, लक्ष्मण नगर, भरत नगर, शिवानंद नगर इलाके की लाइट बंद कर दी थी। दोपहर डेढ़ बजे के बाद रात लगभग 11 बजे सप्लाई चालू की गई। करीब 10 हजार से ज्यादा परिवार बिना लाइट के गुजारा करते रहे।
कलिंग नगर के रहने वाले लोग रात भर बिजली नही आने के कारण परेशान रहे। घर से बाहर लोग सड़क पर ही सोते रहे और गर्मी और मच्छर के बीच उनकी रात गुजरी। स्थानीय निवासी ललिता दीप ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे बेहद परेशान हैं। बच्चों की परीक्षा हैं। कई इलाकों में लाइट आ गई है, लेकिन हमारी बस्ती में अंधेरा है।
बिजली गुल होने से परिजन ने बच्चे को ठेले पर ही सुलाया।
पानी से करंट न फैले इसलिए बिजली बंद की
कलिंग नगर FCI गोदाम के पास रहने वाले नागेश्वरदीप ने बताया कि मैं बीकॉम सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहा हूं, मेरा शनिवार को एग्जाम है। लाइट गुल है और बाकी सभी एरिया में लाइट आ गई है। कलिंग नगर एरिया में ही लाइट नहीं आई है। नेता पहुंचे थे तो मेन रोड की लाइट चालू की गई, उनके जाने के बाद लाइट बंद कर दी गई।
लाइट बंद करने का कारण अफसरों ने सुरक्षा को बताया। बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक आग बुझाने के लिए पानी का इस्तेमाल हो रहा था। इससे करंट फैलने का डर था। इस डर से बिजली सप्लाई बंद की गई थी।
हादसे के दौरान चारों तरफ फैला धुआं ही धुआं।
बम फटने की तरह आ रही थीं आवाजें
गोडाउन की बाउंड्री से लगे जयस्तंभ के पास रहने वाली दुर्गा उइके ने बताया, कि दोपहर डेढ़ बजे बम के धमाकों की तरह ट्रांसफॉर्मर फटने की आवाज आई। उसके बाद लगातार दो विस्फोट हुए। आवाज सुनकर परिजन को बाहर निकाला और खुद को सुरक्षित किया। पुलिस, फायर फाइटिंग और अधिकारियों की टीम पहुंची तब राहत मिली।
हादसे के बाद के हालात बताते स्थानीय रहवासी।
हादसे के बाद सड़क पर जमा हुई भीड़
भारत माता चौक के पास रहने वाले रोशन ने बताया, कि आग की लपटें देखकर दूर-दूर से लोग आ रहे थे। सड़क पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बैरिकेड्स लगाए और उन्हें आगजनी स्थल से दूर खदेडा। दोपहर डेढ़ बजे से लाइट नहीं आ रही और बच्चों की बोर्ड की परीक्षा है। लाइट आ जाए तो थोड़ी राहत मिल जाए।
मौके पर अधिकारियों से राहत कार्यों की जानकारी लेते कलेक्टर गौरव सिंह।
कलेक्टर ने लिया राहत कार्यों का जायजा
गुढ़ियारी में बिजली विभाग के गोडाउन में लगी आग से प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जा रहा है। कलेक्टर गौरव सिंह खुद शनिवार सुबह मौके पर पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया। राजस्व अधिकारी मौके पर ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि का वितरण कर रहे हैं।
अब तक 40 परिवारों को 3 लाख 60 हजार रुपए की राहत राशि का वितरण किया जा चुका है।
प्रभावित लोगों को चेक बांट रहे राजस्व अधिकारी।
गोडाउन में पहले भी दो बार लग चुकी है आग
गुढ़ियारी स्थित बिजली कंपनी के इस गोडाउन में पहली बार आग नहीं लगी है। इससे पहले भी दो बार आग लग चुकी है। इसके बाद भी कंपनी के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। गोडाउन में स्टोर एंड पर्चेस की टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद कंपनियों से सामान पहुंचता है।
स्टोर कीपर इसकी मॉनिटरिंग और सप्लाई, मांग के अनुसार करता है। पहले आग लगने पर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। शुक्रवार को हुए हादसे के बाद विभागीय अधिकारी SNP (स्टोर एंड पर्चेस) का कार्यालय डगनिया स्थित मुख्यालय की बजाय गुढ़ियारी स्थित गोडाउन में बनाने की मांग कर रहे है।