रेशमी धागों ने महिलाओं के जीवन में लाई खुशियां
Last Updated on 9 months by City Hot News | Published: February 21, 2024
- कृमिपालन और कोसा उत्पादन से समूह की महिलाएं बनी स्वावलंबी
रायपुर (CITY HOT NEWS)//
स्व सहायता समूह की महिलाएं स्वावलंबन की डगर पर आगे बढ़ रही है। रेशम विभाग के कोसा कृमिपालन से जुड़कर आत्मनिर्भर भी बन गई है। जांजगीर चांपा जिले के विकास खंड पामगढ़ के ग्राम खोरसी की महिलाएं अमरीका साहू, संतोषी साहू, निशा साहू, छटबाई साहू, दुलेशवरी साहू, चंद्रीका साहू ने अर्जुन के पेड़ों पर रेशम से कृमिपालन से कोसाफल उत्पादन का काम शुरू किया है। महिलाओं ने बताया कि पहले अपने खेतों में खरीफ की फसल लेने के बाद सालभर मजदूरी की तलाश में रहते थे। आज महिलाओं की आंखों में सफलता की खुशी साफ नजर आ रही है। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद।
समूह की महिलाओं ने बताया कि रेशम विभाग के मार्गदर्शन में कोसा कृमिपालन स्वावलंबन समूह खोरसी से सभी महिलाओं ने जुड़कर कृमिपालन और कोसाफल का उत्पादन, संग्रहण का कार्य शुरू किया। महिलाओं ने 3 सालों में लगभग 3 लाख रुपए की अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर ली है। विभागीय योजना एवं मनरेगा अंतर्गत 6 लाख 66 हजार की लागत से 10 हेक्टेयर में 41 हजार साजा और अर्जुन के पौधे रोपे गए हैं। वर्तमान में पौधे लगभग 6 से 8 फीट के हरे भरे पेड़ बन चुके हैं। महिलाएं प्रतिवर्ष 1 लाख रूपये तक की आमदनी अर्जित कर रही है। रेशम विभाग द्वारा महिलाओं से कृमिपालन और कोसाफल उत्पादन का कार्य करवाया जा रहा है। विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। महिलाएं पूरी तरह से इस काम में दक्ष हो गई है।