चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने माना असंवैधानिक: सपना चौहान

Last Updated on 9 months by City Hot News | Published: February 16, 2024

कोरबा:- जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सपना चौहान ने भाजपा चुनावी ब्रांड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक माने जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने संसद के भीतर व बाहर इस विधेयक का जबरदस्त विरोध किया था। मोदी सरकार की इस काला धन रूपांतरण योजना को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया व बड़े पैमाने पर भाजपा के भ्रष्ठचार को उजागर किया है। काग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा की नौतियों पर विरोध दर्ज किया व भाजपा के इस असंवैधानिक आचरण का सुप्रीम कोर्ट द्वारा न्याय संगत संज्ञान लिए जाने पर खुशी जाहिर की है।

श्रीमती चौहान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आज उन्हीं भावनाओं को दोहराया जो उस समय कांग्रेस और सहयोगियों ने, ऑन रिकॉर्ड बार-बार व्यक्त की है। पहला, यह योजना असंवैधानिक है, ऐसा उपाय जो मतदाताओं से यह छुपाता है कि राजनीतिक दलों को कैसे मालामाल बनाता है, लोकतंत्र में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इस प्रकार, यह सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) का प्रबंधन करता है। दूसरा, सरकार का यह दावा कि उसने काले धन पर अंकुश लगाया, बिलकुल बेबुनियाद व निराधार था। दरअसल, आरटीआई के प्रावधानों के बिना इस योजना को लागू करके वह काले धन को सफेद करने को बढ़ावा दे रहे थे।

तीसरा, वित्तीय व्यवस्थाएं राजनीतिक दलों के बीच पारस्परिक आदान-प्रदान का कारण बन सकती है। मोदी सरकार और उनके तत्कालीन वित्त मंत्री ने आरबीआई, चुनाव आयोग, भारत की संसद, विपक्ष और भारत के लोगों के विरोध को कुचलते हुए चुनावी बांड पेश करने के असंवैधानिक फैसले का बार-बार बचाव किया।

श्रीमती सपना चौहान ने आगे कहा कि इसके दस्तावेज, जो अब सार्वजनिक पटल पर हैं, उनसे ये पता चला है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चेतावनी दी थी कि चुनावी बाद काले धन को राजनीति में ला सकते हैं और मुद्रा को अस्थिर कर सकते हैं। लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे खारिज कर दिया। एवं कुछ खोजी पत्रकारिता द्वारा सामने आए एक गोपनीय नोट से यह भी पता चला कि मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने चुनावी ब्रांड योजना के विरोध को कम करने के प्रयास में जानबूझकर चुनाव आयोग को गुमराह किया। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए आरोप लगाया कि चुनावी बांड योजना कुछ और नहीं, बल्कि भाजपा द्वारा अपना खजाना भरने के लिए बनाई गई एक काला धन-सफेद करो योजना थी।

इस सरकार की सभी योजनाओं की तरह, चुनाव बांड योजना भी हमेशा सत्तास्व शासन को एकमात्र लाभ पहुंचाने के लिए डिज़ाइन की गई थी। यह इस तथ्य से स्पष्ट था कि उसके बद हर साल भाजपा ने इस योजना के माध्यम से सभी राजनीतिक दान का 95 प्रतिशत हासिल किया। अब, प्रश्न उनसे पूछा जाना चाहिए, क्या वे इस स्पष्ट फैसले का अनुपालन करेंगे या कोई अन्य अध्यादेश लाएंगे।