मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के जशपुर दौरे से अंचल में उत्साह का वातावरण
Last Updated on 9 months by City Hot News | Published: February 11, 2024
- लोगों में विकास की आस बंधी
- ’संस्कृति की पुनर्स्थापना, महापुरुषों के पदचिन्ह पर चलने और विकास की गाथा लिखने संकल्पित’
रायपुर (CITY HOT NEWS)//जशपुरीया बेटा और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दो दिवसीय जशपुर अंचल के दौरे से लोगों में खासा उत्साह रहा। लोगों में विकास की नई आस जगी है। माटी पुत्र मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय दूसरी बार अपने गृह जिला जशपुर और गृह ग्राम बगिया पहुंचे हैं। अंचल के लोगों ने बड़े उत्साह और आत्मीयता के साथ अपने मुखिया का स्वागत किया। अंचल के प्रख्यात लोकनृत्य करमा के ताल पर लोग झूमते नजर आए। वहीं लोग बड़े बड़े ढो- नगाड़ा, शहनाई आदि बजाकर झूम रहे थे।
अपने दो दिन के संक्षिप्त प्रवास में वे अभिनंदन समारोह, कंवर समाज के प्रांतीय सम्मेलन, मातृ पितृ पूजन और श्रीमद भागवत के आध्यात्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा जिलेवासियों के लिए अपने गृह ग्राम में ही कैंप कार्यालय का भी शुभारंभ किया ताकि स्थानीय लोग आसानी से अपनी समस्याओं और विचारों को मुख्यमंत्री तक पहुंचा जा सके। स्थानीय ग्रामीण नंदकिशोर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री से इस कार्यालय के माध्यम से हमारी बात उन तक आसानी से पहुंचा सकते हैं और फोन नंबर से भी अपनी बात आसानी से रख सकते हैं ।
श्री रामसाय ने कहा कि हमारी 15 वर्षों की बहुप्रतीक्षित मांग अब पूरी होगी। मुख्यमंत्री ने इनके विश्वास और उम्मीद को कायम रखते हुए इस पर संघ के प्रतिनिधियों से संवेदनशीलता के साथ विचार-विमर्श कर कार्य करने का भरोसा दिलाया। अपने अभिनंदन समारोह प्रदेश के हजारों कर्मचारी उम्मीद के साथ पहुंचे थे।
कंवर समाज के प्रांतीय सम्मेलन में समाज की आवश्यकता के अनुरूप भवन निर्माण के लिए 20 लाख देने की घोषणा की। इसके अलावा समाज की शिक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने नशापान को रोकने भी अपील की। मख्यमंत्री ने एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्य तिथि पर उन्हें याद करते हुए उनके छायाचित्र में पुष्पांजलि अर्पित की। राज्यनिर्माता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों को अमल करते हुए अपने कैंप कार्यालय में उनकी मूर्ति स्थापित करके उनके विचारों को आत्मसात करने का संदेश दिया। भूमकाल आंदोलन के प्रणेता आदिवासी क्रांतिकारी वीर गुण्डाधुर को याद कर उन्होंने कहा कि हम उनके बताए रास्ते पर चलेंगे।
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि अपने घर पहुंची सुकांति के बेहतर इलाज के लिए तत्काल रायपुर में इलाज कराने के लिए निर्देश दिए। वही भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना का संदेश देते हुए अपने प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने संक्षिप्त प्रवास में एक बड़ा संदेश दिया है। परंपरा, संस्कृति की पुनर्स्थापना, महापुरुषों के विचारों को आत्मसात करते हुए सतत और टिकाऊ विकास की उम्मीद के साथ इस दौरे ने लोगों में उत्साह और विश्वास का संचार कर दिया।