वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी का बजट भाषण : छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर, 09 फरवरी 2024…
Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: February 9, 2024
वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी का बजट भाषण : छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर, 09 फरवरी 2024– पीडीएफ फाइल
माननीय अध्यक्ष महोदय,
छत्तीसगढ़ की जनता.जनार्दन ने कुशासन के खिलाफ मुहर लगाकर हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। ऐतिहासिक जनादेश द्वारा प्रकट किए गए स्नेह और विश्वास के लिए हम छत्तीसगढ़ के 03 करोड़ लोगों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हैं और छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाने की प्राण प्रतिज्ञा करते हैं।
अध्यक्ष महोदय, हमारे चारों ओर चुनौतियों का घना अँधेरा है। महिलायें कानून.व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति का शिकार रहीं। युवा मन अविश्वास और आशंकाओं से ग्रसित रहा। प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतरा रहा और राजकीय खजाना हमें खाली मिला। पर, हम अंधेरों के बीच उजाले के तलाश की ताकत रखते हैं। चुनौतियों का अंधेरा हमें स्वर्गीय बच्चन जी की इन पंक्तियों का स्मरण कराता है:-
पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है,
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है।
अध्यक्ष महोदय,
यह हमारा सौभाग्य है कि देश के अमृत काल में भारत को दुनिया का सुपर पावर बनाने के लिये माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किये जा रहे
क्रांतिकारी कार्यों को हमारी पीढ़ी देख रही है और उसमें सहभागिता भी निभा रही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अथक ऊर्जा यदि हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है तो सहज.सरल मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का कुशल नेतृत्व हमारी ताकत।
अध्यक्ष महोदय, आज देश अमृत काल में नई ऊर्जा और नए विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। पूरी दुनिया आज भारत की ओर निहार रही है। विकसित भारत का सुस्पष्ट लक्ष्य सबके सामने है, लेकिन दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ता है कि छत्तीसगढ़ के विकास को ग्रहण लग गया था। भ्रष्ट और स्वार्थपरक ताकतों ने छत्तीसगढ़ को दबोच कर रखा था। चिंता होती थी कि भारत की इस विकास यात्रा में हमारे छत्तीसगढ़ का क्या होगा ? लेकिन लोकतंत्र की ताकत ने इन नकारात्मक शक्तियों को पराजित कर दिया।
अध्यक्ष महोदय, छत्तीसगढ़ की जनता की ऊँगलियों पर लगी स्याही ने छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के नये रास्ते खोल दिये हैं। विकास यात्रा का कृष्ण पक्ष समाप्त होकर, शुक्ल पक्ष प्रारंभ हो चुका है। सुशासन का सूर्योदय हो चुका है।
अध्यक्ष महोदय, किसी सरकार के बजट को महज उसके आय.व्यय के लेखा.जोखा के रूप में ही नही पढ़ना चाहिए, बल्कि वह किसी सरकार के विजन का भी एक दस्तावेज होता है।
छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के इस मोड़ पर सवाल उठता है कि हम छत्तीसगढ़ को आगे कहाँ लेकर जाना चाहते हैं। हमारी कमजोरियां क्या हैं ? हमारी ताकतें क्या हैं ? SWOTअर्थात् Strengths, Weaknesses, Opportunities and Threats एनालिसिस में हमारे छत्तीसगढ़ के कौन.कौन से पक्ष उभर कर सामने आएंगे ? देश जब आजादी के 100 वर्ष पूरा करके विकसित राष्ट्र के रूप में पूरी दुनिया में स्थापित होगा तब हमारा छत्तीसगढ़ देश के अन्य राज्यों के साथ सकारात्मक प्रतिस्पर्धा करता हुआ कैसे आगे बढ़ेगा ?
इसके लिए एक स्पष्ट सपना, एक स्पष्ट लक्ष्य जरूरी है। उस लक्ष्य तक पहुंचने की रणनीति जरूरी है। एक रोड मैप जरूरी है।
इसलिये अध्यक्ष महोदय, हमने तय किया है कि छत्तीसगढ़ 2047 तक कैसे एक विकासशील राज्य से विकसित राज्य बनेगा, इसका दृष्टि.पत्र (Vision Document) हम तैयार करेंगे। इस दृष्टि.पत्र का नाम होगा:. “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन / @ 2047
01 नवंबर सन् 2000 को भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस राज्य को बनाया था और इसी 01 नवंबर सन् 2024 में हमारे छत्तीसगढ़ को विकासशील से विकसित राज्य बनाने हेतु “अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन / @ 2047“ डॉक्यूमेंट, हम राज्य की जनता को समर्पित करेंगे।
हमनें बनाया है, हम ही सवारेंगे !!
अध्यक्ष महोदय,
मोदी जी कहते हैं कि हम बड़ा लक्ष्य बनाते हैं, उसे प्राप्त करते हैं और फिर उससे भी बड़ा लक्ष्य बनाते हैं। @ 2047 के दीर्घकालिक विजन तक पहँुचने से पहले हमें मध्यम अवधि के अर्थात् मिडटर्म टारगेट बनाने होंगे। जैसे मोदी जी देश की अर्थव्यवस्था के लिये मध्यम अवधि के टारगेट के रूप में 05 ट्रिलियन एवं 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखकर चल रहे हैं।
अध्यक्ष महोदय,
आज हमारे छत्तीसगढ़ की जी.एस.डी.पी. लगभग 05 लाख करोड़ है। इसे आने वाले 05 सालों मे वर्ष 2028 तक 10 लाख करोड़ करना हमारा मध्यावधि (Mid term) टारगेट होगा। यह मध्यावधि लक्ष्य, देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के मोदी जी के महायज्ञ में हमारा योगदान होगा। मोदी जी के ”सहकारी.संघवाद (Co-operative Federalism) के सिद्धांत पर चलते हुए हम केन्द्र का सहयोग भी प्राप्त करेंगे और देश के विकास यात्रा में अपनी महती भूमिका भी निभायेंगे। छत्तीसगढ़ अब केन्द्र से टकराव वाले पिछले 05 वर्षों के मॉडल के स्थान पर डबल इंजन की सरकार में संघ.राज्य समन्वय से विकास का नया अध्याय लिखेगा।
इस मध्यावधि लक्ष्य को प्राप्त करने के हमारे आधारभूत रणनीतिक स्तंभ (Fundamental Strategical Pillars) क्या होंगें। उसे मैं 10 स्तंभो के रूप में सदन के समक्ष रख रहा हूँ:-
1. GYAN : हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु
(Focus of our Economic Development)
2. तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास
(Rapid Economic Growth through Technology driven Reforms Governance )
3. तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करना
(Maximum CAPEX)
4. प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल
(Optimum utilisation of Natural Resources)
5. अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नयी संभावनाओं पर जोर
(Emphasis on new possibilities of service sector of the economy)
6. सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश भी सुनिश्चित करना
(Ensuring private investment)
7. बस्तर-सरगुजा की ओर भी देखो
(Focus on Bastar-Surguja)
8. DDP : डिसेंट्रेलाइज्ड डेवलपमेंट पॉकेट्स
(DDP : Decentralized Development Pockets)
9. छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विकास
(Promoting Chhattisgarhi Culture)
10. क्रियान्वयन का महत्व
(Importance of Implementation)
1. GYAN : हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु: –
(Focus of our Economic Development)
मोदी जी की विजनरी नजर समाज को चार स्वरूपों में देखती है:-
G अर्थात्- गरीब
Y अर्थात्- युवा
A अर्थात्- अन्नदाता
N अर्थात्- नारी
अध्यक्ष महोदय, भारी मन से मुझे कहना पड़ रहा है कि पिछले 05 वर्षो में हमारे छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार ने इन चारों समूहों के साथ अन्याय किया है। न केवल गरीबों के छत के अधिकार को छीना गया, यूरिया. डी.ए.पी. में काला बाजारी, 02 रूपये में गोबर खरीदकर गुणवत्ता विहीन कम्पोस्ट खाद के नाम पर जबरन 10 रूपये में बेचना। किसानों के संदर्भ में, मैं किन.किन लूटों की बात करूँ ? क्या क्या बताया जाए ? अध्यक्ष महोदय, माताआंे.बहनों को इन्होंने 500 रूपये प्रतिमाह अर्थात् साल का 6000 रूपये देने का वादा किया था, मगर किसी को 06 रूपये तक नहीं मिला।
अध्यक्ष महोदय,
नेल्सन मंडेला जी ने कहा है:-
” Destroying any nation does not require the use of atomic bombs or the use of long range missiles. It only requires lowering the quality of education and allowing cheating in the examinations by the students.”
अर्थात् “किसी देश को तबाह करने के लिये बम, बारूद और मिसाईल की जरूरत नहीं होती। शिक्षा की गुणवत्ता को खराब कर देना और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार ही किसी देश को बर्बाद करने के लिये पर्याप्त होता है”।
अध्यक्ष महोदय, पीएससी की प्रतिष्ठापूर्ण परीक्षाओं में युवाओं के साथ अन्याय हुआ, जिसमें हमारी सरकार ने सीबीआई जांच का निर्णय लिया है।
गरीब, किसान, युवा एवं महिलाएं हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु रहेंगे। इनकी ऊर्जा को सही दिशा और अवसर देकर हम प्रदेश की आर्थिक उन्नति में इनकी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।
2. तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास (Rapid Economic Growth through Technology driven Reforms and Governance)
आज दुनिया आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, कंप्रिहेंसिव सिस्टम डेवलपमेंट, सैटेलाईट बेस्ड कम्युनिकेशन जैसे उच्च स्तरीय तकनीकों से संचालित हो रही है। हम शासन और प्रशासन में तकनीक के इस्तेमाल पर पूरा जोर देंगे। इससे नागरिक सुविधाओं में पारदर्शिता आयेगी और समस्याओं का तीव्र समाधान होगा। इससे हम मोदी जी के ”न खाऊंगा, न खाने दूंगा” की भावना को चरितार्थ कर पायेंगंें।
अध्यक्ष महोदय, पिछली सरकार द्वारा कोयला पर तकनीक आधारित ऑनलाईन रायल्टी सिस्टम को हटाकर लाल फीताशाही आधारित मैनुअल सिस्टम लागू किया गया था। हमारी सरकार प्रशासनिक काम.काज की प्रक्रिया में ऐसे कपटपूर्ण मैनुअल हस्तक्षेपों पर पूर्ण विराम लगायेगी। तकनीक आधारित प्रयोगांे के माध्यम से हम सरकार के खजाने के लीकेजों (Leakages) को रोकेंगे और कर की दर में वृद्धि किये बिना, हम पारदर्शी तकनीक आधारित करारोपण को अपनाकर सरकार के राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि करंेगे। ताकि ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित किया जा सके।
शासन के सभी विभागों में आई.टी. के उपयोग को बढ़ावा देने एवं इसका सफल अनुप्रयोग सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सेंटर फॉर स्मार्ट गवर्नेन्स की स्थापना की जायेगी। बजट में आई.टी. उपकरण एवं आधुनिक सॉफ्टवेयर इत्यादि की व्यवस्था के लिए 266 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे शासन के समस्त विभागों में सुशासन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
यही तकनीकी प्रयोग आधारित रिफॉर्म और सुशासन ही आने वाले 05 वर्षो में 05 लाख करोड़ के जी.एस.डी.पी. को 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने के लिये आवश्यक तीव्र आर्थिक विकास दर का आधार बनेगा।
3. तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय (CAPEX) सुनिश्चित करना (Ensuring maximum capital expenditure amidst all the challenges) :-
किसी भी विकासशील अर्थव्यवस्था के उच्च विकास दर के लिये कैपेक्स अर्थात् पूंजीगत व्यय आधारभूत स्तम्भ होता है।
अध्यक्ष महोदय, आर्थिक अध्ययन यह कहता हैै कि 100 रूपये के पूंजीगत व्यय से जी.डी.पी. में 247 रूपये की वृद्धि होती है। इस बजट में तमाम चुनौतियों के बाद भी पूंजीगत व्यय के प्रावधान में गत वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।
4. प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल (Optimum utilisation of Natural Resources)
हमारा छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ है। इन संसाधनों का सुनियोजित दोहन करते हुए उससे होने वाले लाभों का छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित किया जायेगा।
5. अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नयी संभावनाओं पर जोर ( Emphasis on new possibilities of service sector of the economy)
छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक सौंदर्य के अनुरूप इको.टूरिज्म सर्किट विकसित करने, 05 शक्ति पीठों को विकसित करके धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे।
आई.टी. सेक्टर की स्थापना, हेल्थ डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिेशन, बिजनेस टूरिज्म, कॉन्फ्रंेस डेस्टिनेशन, जैसे नये उभरते संभावनाओं का लाभ प्रदेश को मिल सके, इसके लिए रोडमैप तैयार करेंगे।
6. सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश भी सुनिश्चित करना (Ensuring private investment) :
हमारे छत्तीसगढ़ में आधुनिक आर्थिक दर्शन के अनुरूप रेड टेपिज्म के स्थान पर रेड कॉरपेट की निवेश संस्कृति का विकास करेंगे। मॉडर्न इकोनॉमी फिलोसॉफी जैसे ”मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस”, ] EoDB ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, ईज ऑफ लिविंग, सिंगल विंडो प्रणाली, ऑनलाईन परमिशन, मिनिमम परमिशन जैसी व्यवस्थाओं की स्थापना की जायेगी। इसी तारतम्य में PPPअर्थात् पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आदर्श प्रयोगों के लिए नीति आयोग एवं अखिल भारतीय प्रबंधन संस्थानों जैसे विशेषज्ञ संस्थाओं का सहयोग लिया जायेगा।
7. बस्तर.सरगुजा की ओर भी देखो (Focus on Bastar-Surguja) :
पिछले 05 वर्षो के कांग्रेस के कार्यकाल में बस्तर.सरगुजा क्षेत्र आर्थिक विकास की दृष्टि से अछूते रहे। इन क्षेत्रों की एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सार्थक पहल की जायेगी। इको.टूरिज्म डेस्टिनेशन एवं नैचूरोपैथी डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जायेगा। बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु उद्योगों की स्थापना की जायेगी। सरगुजा क्षेत्र में उद्यानिकी एवं मछली पालन की संभावनाओं को प्रोत्साहित किया जायेगा। इस प्रकार समन्वित प्रयास करते हुए इन क्षेत्रों की आर्थिक संभावनाओं को मूर्त रूप दिया जायेगा।
8. DDP : विकेन्द्रीकृत विकास पॉकेट्स (Decentralized Development Pockets: DDP) :
छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग, मध्य मैदानी भाग और दक्षिणी भाग की अपनी अलग.अलग आर्थिक विशिष्टतायें हैं। इन विशिष्टताओं के अनुरूप तीव्र आर्थिक विकास की विकेन्द्रीकृत नीति पर काम करते हुए विकेन्द्रीकृत विकास पॉकेट्स की स्थापना करेंगे।
रायपुर-भिलाई सहित आसपास के क्षेत्रों को स्टेट कैपिटल रीजन SCRके रूप में विकसित करने की योजना तैयार की जायेगी। इस क्षेत्र को विश्वस्तरीय आई.टी. सेक्टर, वेडिंग डेस्टीनेशन, एजुकेशन डेस्टीनेशन एवं हेल्थ डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। नवा रायपुर, अटल नगर में “लाईवलीहुड सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस” एवं दुर्ग जिले में “सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप” स्थापित किया जायेगा। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए इन्यूबेशन सेंटर की स्थापना तथा बी.पी.ओ. एवं के.पी.ओ. को आकर्षित करने के लिए आई.टी. पार्क की स्थापना की जायेगी।
नवा रायपुर में आई.टी. आधारित रोजगार सृजन हेतु ‘प्लग एण्ड प्ले’ मॉडल का विकास किया जायेगा, इससे आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के नये अवसर विकसित होंगे।
रायपुर, नवा रायपुर अटल नगर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरबा एवं रायगढ़ जैसे प्रमुख नगरों को ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित करने की कार्य योजना तैयार की जायेगी।
कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, उरला, सिलतरा जैसे क्षेत्रों के अनुरूप औद्योगीकरण की नीति बनायी जायेगी। मैदानी कृषि प्रधान जिलों में कृषि आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए विशेष फोकस किया जायेगा।
9. छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विकास:-
हमर छत्तीसगढ़ राज्य हर 1956 ले 2000 तक शोषण के शिकार रिहीस। ये 44 साल के बीच म लगभग 04 दशक तक कांग्रेस के एकछत्र राज रिहीस। लेकिन कांग्रेस हर छत्तीसगढ़ ल नवा राज्य नइ बनाईस। छत्तीसगढ़ के नवा राज्य के रूप में कोन्हु स्थापना करिस, त ओ हर हमर भाजपा के अटल बिहारी बाजपेयी जी हर करिस। छत्तीसगढ़ी बोली ल राजभाखा बनाय के बुता ल भाजपा हर हि करिस। अउ अवया बेरा म छत्तीसगढ के बानी-भाखा, तिज.तिहार, परम्परा.संस्कृति, साहित्य ल आगु बढ़ाय के बुता ल भी करे के हमर संकल्प हे। हमर भावना ल मुंगेली जिला के रहैया श्री केदार परिहार जी के बानी म मे हर बताना चाहत हों रू-
“मरके देवलोक झन जातेंव, कान्हु जनम झन पातेंव।
छत्तीसगढ़ ल छांव करे बर, मैं छानही बन जातेंव।।”
10. क्रियान्वयन का महत्व (Importance of Implementation) :
अध्यक्ष महोदय,
हितोपदेश में एक श्लोक है:-
‘‘उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः।।’’
मन में खयाली पुलाव मात्र से कोई कार्य पूर्ण नही होता है। उसके लिये उद्यम करना पड़ता है। प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ क्रियान्वयन जरूरी होता है।
पिछली सरकार ने ‘‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’’ का खयाली पुलाव परोसा और नतीजा निकला ’बोरबो छत्तीसगढ़’’। हम ”गढ़बो” से पहले ”करबो“ पर ध्यान देंगे।
मोदी जी ने चुनाव में ‘‘बदलबो.बदलबो’’ का नारा दिया था। वह हमारे लिये चुनावी और राजनीतिक स्लोगन मात्र नहीं है। यह उस समय के भ्रष्ट तंत्र को बदलने के लिये था। अब यह स्लोगन छत्तीसगढ़ के 03 करोड़ लोगो के उद्यम से विकासशील छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ में बदलने के लिये है।
अध्यक्ष महोदय,
इन 10 आधार स्तंभों को फोकस में रखते हुये हम आर्थिक विकास की गति को आगे बढ़ाने के लिए सतत कार्य करेंगे। इस प्रक्रिया में हमें अनेक विशेषज्ञ संस्थाओं के परामर्श की लगातार आवश्यकता होगी। देश और दुनिया में चल रहे बेस्ट प्रैक्टिस को हमारी अपनी परिस्थितियों के अनुरूप लागू करने की हम पहल करेंगे। इस पूरी प्रक्रिया को संस्थागत रूप देकर कार्य करने के लिए छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद Chhattisgarh Economic Advisory Council का गठन किया जायेगा।
अध्यक्ष महोदय,
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सुस्पष्ट है। आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इसकी व्याख्या करते हुए कहा है कि:
भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है, यह जीता जागता राष्ट्र पुरुष है।
ये वंदन की धरती है, ये अभिनन्दन की भूमि है।
ये अर्पण की भूमि है, ये तर्पण की भूमि है।
इसकी नदी.नदी, हमारे लिए गंगा है,
इसका कंकर.कंकर, हमारे लिए शंकर है।
हम जिएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे तो इस भारत के लिए,
और मरने के बाद भी गंगाजल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई
कान लगाकर सुनेगा, तो एक ही आवाज आएगी –
भारत माता की जय !!
हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सबसे बड़े प्रतीक पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हैं। उनके द्वारा स्थापित रामराज की अवधारणा से बड़ा सुशासन का कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिल सकता। रामचरित मानस में रामराज की व्याख्या करते हुए गोस्वामी तुलसी दास जी ने लिखा है कि:- “दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, रामराज काहू नहिं व्यापा” अर्थात् शासन का ऐसा मॉडल जो जनता के शारीरिक, मानसिक और भौतिक, तीनों के एकीकृत विकास में सहायक हो। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का ‘एकात्म मानव दर्शन’ भी शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा, चित्त के इसी एकीकृत विकास पर ध्यान केन्द्रित करने की बात कहता है।
प्रशासनिक आदर्श के रामराज की इसी ऊंचाई को पाने की दिशा में हमारी सरकार भी निरंतर प्रयास करती रहेगी।
आर्थिक स्थिति
अध्यक्ष महोदय, अब मैं राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन के सामने प्रस्तुत करता हूँ।
वर्ष 2023.24 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर दर पर वर्ष 2023.24 में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मंें 6.56 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है जबकि इसी अवधि में देश के सकल घरेलू उत्पाद में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
वर्ष 2023.24 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.23 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 7.1 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 5.02 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
प्रचलित दर पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2022.23 में 04 लाख 64 हजार 398 करोड़ अनुमानित था, जो वर्ष 2023.24 में बढ़कर 05 लाख 05 हजार 886 करोड़ अनुमानित है। इस प्रकार प्रचलित दर पर जी.एस.डी.पी. में पिछले वर्ष की तुलना में 8.93 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
वर्ष 2023.24 में जी.एस.डी.पी. में कृषि क्षेत्र का योगदान 15.32 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 53.50 प्रतिशत तथा सेवा क्षेत्र का योगदान 31.19 प्रतिशत अनुमानित हैं।
वर्ष 2023.24 में प्रति व्यक्ति आय 01 लाख 47 हजार 361 रूपये संभावित है, जो गत वर्ष की तुलना में 7.31 प्रतिशत अधिक है।
अध्यक्ष महोदय,
वर्ष 2023.24 के आर्थिक सर्वेक्षण के उपरोक्त आंकड़े, विशेष तौर पर स्थिर दरों पर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में मात्र 6.56 प्रतिशत की वृद्धि होना अर्थव्यवस्था की धीमी गति का सूचक है। वर्ष 2030 तक 10 लाख करोड़ के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें पूंजीगत निवेश में पर्याप्त वृद्धि करनी होगी। साथ ही कृषि क्षेत्र के अलावा विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र सहित सभी सेक्टर्स में पारदर्शिता के साथ युद्ध स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता होगी।
”छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी“
अध्यक्ष महोदय,
इस बजट के विभागवार प्रावधानों की जानकारी देने के पहले मोदी जी की गारंटी को पूर्ण करने के लिए हमारी सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों का विवरण सदन के समक्ष रखना चाहूंगा।
कैबिनेट की पहली बैठक में ही हमनें प्रधानमंत्री आवास योजना के लंबित 18 लाख घरों का निर्माण पूरा करने का निर्णय लिया है। इसके लिए हमनें अनुपूरक बजट में भी राशि प्रावधानित की है और 2024-25 में भी 08 हजार 369 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मोदी की दूसरी गारंटी महतारी वंदन योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है। 01 मार्च 2024 से योजना के तहत पात्र महिलाओं को 12 हजार रूपये वार्षिक का भुगतान किया जायेगा।
25 दिसम्बर 2023 को सुशासन दिवस के अवसर पर 12 लाख से अधिक किसानों को 03 हजार 716 करोड़ रूपये के लंबित धान बोनस की राशि भुगतान की जा चुकी है। किसानों के लिए कृषक उन्नति योजना लागू करने के लिए बजट में 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मोदी की गारंटी का अगला बिन्दु हर घर निर्मल जल अभियान को पूरा करने के लिए जल जीवन मिशन योजना में 04 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस राशि से ग्रामीण परिवारों को नल से पीने का पानी उपलब्ध कराया जायेगा।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 05 हजार 500 की दर से संग्रहण शुल्क भुगतान करने का कैबिनेट से अनुमोदन दिया जा चुका है।
भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 10 हजार रूपये की वार्षिक सहायता देने के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना वर्ष 2024-25 से लागू की जायेगी। इसके लिए बजट में 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पी.एस.सी. परीक्षा के घोटाले की जांच का कार्य सी.बी.आई. को सौपनें का हमारी सरकार ने निर्णय लिया है। भविष्य में पूर्ण पारदर्शिता के साथ पी.एस.सी. परीक्षा का आयोजन सुनिश्चित किया जायेगा।
छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना वर्ष 2024.25 से लागू की जायेगी।
स्टेट कैपिटल रीजन के विकास की योजना तैयार करने के लिए हमनें बजट में 05 करोड़ का प्रावधान किया है।
इन्वेस्ट इंडिया की तर्ज पर इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ आयोजित करने के लिए भी 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शक्तिपीठ परियोजना का डी.पी.आर. एवं निर्माण कार्यों के लिए 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश वासियों को श्री राम लला के दर्शन करवाने हेतु 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषि एवं सहायक गतिविधियों से आय वृद्धि
अध्यक्ष महोदय,
राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों एवं भूमिहीन कृषि मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए कृषि एवं सहायक गतिविधियों (उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन) के प्रोत्साहन हेतु समन्वित प्रयास किया जायेगा।
कृषि विभाग के बजट में विगत वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कुल 13 हजार 438 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषि उन्नति योजना के क्रियान्वयन के लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 08 हजार 500 करोड़ की साख सीमा निर्धारित की गई है। इस राशि पर ब्याज अनुदान के लिए 317 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सिलफिली जिला सूरजपुर एवं रायगढ़ में शासकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, कुनकुरी जिला जशपुर में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, रामचंद्रपुर जिला बलरामपुर में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी महाविद्यालय तथा खड़गवां जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत ग्राम सतरेंगा जिला कोरबा में एक्वा पार्क की स्थापना की जायेगी। इस हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की स्थापना एवं राज्य स्तरीय नवीन कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
दुर्ग एवं सरगुजा जिले में कृषि यंत्री कार्यालय की स्थापना की जायेगी।
रासायनिक उर्वरकों की जांच के लिए सरगुजा जिले में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी।
उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए 14 विकासखण्डों में नवीन नर्सरी की स्थापना की जायेगी एवं पूर्व से संचालित 20 नर्सरियों में अतिरिक्त पद सृजित किये जायेंगे।
पशु औषधालय कुंवारपुर एवं माड़ीसरई जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर एवं पशु औषधालय कोल्हेनझरिया जिला जशपुर का पशु चिकित्सालय में उन्नयन का प्रावधान किया गया है।
ग्राम भोरिंग जिला महासमुंद, ग्राम चरोदा जिला.सक्ती, ग्राम किरगी जिला राजनांदगांव, ग्राम खैरवना जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर तथा ग्राम मटासी जिला जशपुर में नवीन हेचरी की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सिंचाई
सिंचाई रकबे के विस्तार के लिए नवीन सिंचाई परियोजनाओं हेतु 300 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। संभावित सिंचाई परियोजनाओं की सूची में 10 करोड़ से अधिक लागत के 156 कार्य प्रस्तावित किये गये हैं।
लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं हेतु 692 करोड़, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ तथा एनीकट एवं स्टॉपडेम निर्माण हेतु 262 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
केलो सिंचाई परियोजना की नहरों का काम वर्षों से अधूरा था। किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नहर निर्माण के काम को पूरा किया जायेगा। इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन हेतु डिजिटल सूचना प्रणाली विकसित की जायेगी। इसके लिए राज्य जल सूचना केन्द्र की स्थापना हेतु 01 करोड़ 56 लाख का प्रावधान किया गया है।
सिंचाई बांधों की देखभाल एवं मरम्मत के लिए राज्य बांध सुरक्षा संगठन का पृथक से सेटअप स्वीकृत किया गया है। सिंचाई बांधों की सुरक्षा के लिए 72 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे सिंचाई बांधों की क्षमता का अधिकतम उपयोग किया जाना संभव हो सकेगा।
सहकारिता
सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सहकारी समितियों की लाभप्रदता एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। 100 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में खाद एवं बीज भंडारण हेतु गोदाम निर्माण के लिए 26 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थान के भवन निर्माण हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के गत वर्ष के बजट प्रावधान में 70 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 17 हजार 529 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत सरकार द्वारा 18 लाख से अधिक आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 08 हजार 369 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजन हेतु महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 02 हजार 788 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में नवीन सड़कों के निर्माण एवं वर्तमान सड़कों के संधारण हेतु 841 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
स्व.सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार गतिविधियों से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 561 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सामुदायिक शौचालयों एवं कचरा प्रबंधन की योजनाओं के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 19 जिलों के पी.वी.टी.जी. बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क एवं पुल निर्माण हेतु 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 12 वृहद पुलों एवं सड़कों के लिए 94 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना अंतर्गत 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्गों का विकास
विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के विद्यार्थियों हेतु कबीरधाम, गरियाबंद, कोरिया, बलरामपुर, सरगुजा, धमतरी, गौरेला.पेण्ड्रा.मरवाही, जशपुर एवं नारायणपुर में संचालित आवासीय विद्यालयों के लिए 13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के 46 भवन निर्माण हेतु 78 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है।
पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास बलरामपुर, महाराजगंज, शंकरगढ़, डिण्डो, राजपुर, लखनपुर, कांसाबेल, बगीचा, दोकड़ा, बतौली, मनोरा, कोतबा, दुलदुला, पण्डरीपानी, तपकरा तथा नर्मदापुर, तथा पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास जशपुर नगर के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
प्री. मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास पैकू, दोकड़ा, रौनी, गाला, कोतबा, बागबाहरा, लोदाम, दुलदुला, लवाकेरा, पण्डरीपानी, कांसाबेल, बटईकेला, कुनकुरी, देवगढ़, मंगारी, बतौली, घाटवर्रा, नवापारा लखनपुर, कमलेश्वरपुर तथा लुण्ड्रा, प्री. मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास करजी, धौरपुर, बोदा, अंबिकापुर के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास महासमुुंद, प्री. मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास बाजार अतरिया, कोरबा, करतला एवं प्री. मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास अंबिकापुर के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना अंतर्गत जिला रायगढ़ में नवीन प्रयास आवासीय विद्यालय की स्थापना हेतु 75 लाख का प्रावधान किया गया है।
05 संभाग मुख्यालयों में नवीन स्नातकोत्तर छात्रावास की स्थापना हेतु कुल 02 करोड़ 40 लाख का प्रावधान किया गया है।
जिला मुख्यालय बलरामपुर में 100 सीटर आदिवासी क्रीड़ा परिसर की स्थापना एवं भवन निर्माण हेतु 03 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु पूर्व स्वीकृत 65 सीट्स को बढ़ाकर 200 सीट्स किया जायेगा। इन अतिरिक्त सीट्स पर प्रवेशित विद्यार्थियांे को विभाग द्वारा निर्धारित दर पर शिक्षण शुल्क सह आवास भत्ता का भुगतान किया जायेगा। इस हेतु 04 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पोषण एवं खाद्य सुरक्षा
प्रधानमंत्री जी द्वारा गरीब कल्याण योजना के तहत देश भर के 80 करोड़ हितग्राहियों के लिए निःशुल्क चावल वितरण की अवधि में 05 वर्ष की वृद्धि की गई है। राज्य शासन द्वारा भी मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना के हितग्राहियों को आगामी 05 वर्ष तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत 03 हजार 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण से बचाव हेतु फोर्टिफाईड राईस के वितरण के लिए 209 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शक्कर वितरण योजना अंतर्गत 150 करोड़, गुड़ वितरण हेतु 81 करोड़, अंत्योदय अन्न योजना अंतर्गत चना प्रदाय हेतु 400 करोड़ एवं रियायती दर पर आयोडाईज्ड नमक वितरण हेतु 139 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उपभोक्ता कल्याण अंशदान (कार्पस) फण्ड योजना अंतर्गत 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पेयजल की व्यवस्था
प्रदेशवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के गत वर्ष के बजट प्रावधान को लगभग दुगुना करते हुए इस वर्ष 05 हजार 47 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जल जीवन मिशन योजना में 12 लाख 54 हजार 692 ग्रामीण परिवारों को नल.जल कनेक्शन देने के लिए राज्यांश मद में 04 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जल जीवन मिशन की मॉनिटरिंग के लिए डैशबोर्ड एवं राज्य पोर्टल का निर्माण किया जायेगा। शिकायत निवारण एवं नये कनेक्शन हेतु ऑनलाईन आवेदन की व्यवस्था शुरू की जायेगी। जल की गुणवत्ता की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की जायेगी।
वाड्रफनगर जल आवर्धन योजना हेतु 01 करोड़ 82 लाख का प्रावधान किया गया है।
ग्रामों में पेयजल प्रदाय हेतु 71 करोड़ एवं नलकूपों के अनुरक्षण मद में 110 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिए 26 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मातृ शक्ति एवं नौनिहालों का विकास
महतारी वंदन योजना अंतर्गत सभी पात्र महिलाओं को 12 हजार रूपये वार्षिक डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जायेगा। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी।
सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र एवं पूरक पोषण आहार हेतु 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पूर्व से संचालित समान उद्देश्य वाली योजनाओं को समायोजित करते हुए 10 नवीन अम्ब्रेला योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए 628 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 117 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्राम पंचायतों में महिलाओं के विकास एवं सशक्तिकरण हेतु आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए महिला सदन का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
खेल एवं युवा कल्याण
पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने के लिए छत्तीसगढ़िया क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की जायेगी। इस हेतु 20 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
जशपुर जिले के कुनकुरी में मॉडर्न खेल स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जिला रायगढ़ एवं बलौदाबाजार में इंडोर स्टेडियम कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 04 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के 05 नवीन जिलों मेें जिला कार्यालयों की स्थापना हेतु 250 लाख का प्रावधान किया गया है।
कला, साहित्य, खेल एवं समाज सेवा के क्षेत्र में युवाओं के योगदान को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के लिए प्रति वर्ष छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान दिया जायेगा। इस मद में 01 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
भू.राजस्व व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग जिले में राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना की जायेगी। इस हेतु तहसीलदार के 30 एवं नायब तहसीलदार के 15 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।
भू.नक्शों का जियो.रिफ्रेन्सिंग कराया जायेगा तथा प्रत्येक भू.खंड में यू.एल.पिन नंबर देते हुए भू.आधार कार्ड जारी किया जायेगा।
नगरीय क्षेत्रों में 1: 500 के स्केल पर भूमि का नवीन सर्वेक्षण प्रारंभ किया जायेगा। इससे शहरी क्षेत्रों में छोटे भू.खण्डों को भू.नक्शे पर दर्ज किया जाना संभव हो सकेगा।
भू.अभिलेखों को सिविल न्यायालयों से लिंक किया जायेगा। इससे सिविल न्यायालय द्वारा भूमि संबंधी प्रकरणों में पारित आदेशों के परिपालन में भू.अभिलेख का सुधार कार्य ऑनलाईन प्रक्रिया से संभव हो सकेगा।
भूमि व्यपवर्तन की प्रक्रिया को ऑनलाईन एवं सरल किया जायेगा।
कानून व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
राज्य में कानून.व्यवस्था की मजबूती के लिए राज्य पुलिस बल में 01 हजार 889 पदों की वृद्धि की गई है।
नक्सल ऑपरेशन में जाने वाले राज्य पुलिस बल के लिए उच्च गुणवत्ता युक्त रेडी.टू.ईट फूड की व्यवस्था हेतु बजट में प्रावधान किया गया है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों की सुरक्षा की दृष्टि से स्पाईक रजिस्टेन्ट बूट देने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
सायबर क्राईम के प्रकरणों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए कबीरधाम़, कोरबा, राजनांदगांव एवं रायगढ़ जिले में 04 नवीन सायबर पुलिस थानों की स्थापना के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।
सीमावर्ती जिलों से मानव तस्करी के प्रकरणों में पीड़ित बालिकाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए राजनांदगांव, कबीरधाम, रायगढ़, जगदलपुर एवं जशपुर जिले में 05 नवीन महिला थाना की स्थापना की जायेगी।
डायल.112 की सुविधाओं का पूरे प्रदेश में विस्तार किया जा रहा है। इस कार्य के लिए 149 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के अंतर्गत 03 जिलों हेतु वाटर टेण्डर, फोम टेण्डर एवं वाटर बाऊजर क्रय किये जायेंगे। इसके लिए 14 करोड़ 70 लाख का प्रावधान किया गया है।
बंदियों को उनके परिजनों से बातचीत करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 08 जिला जेल एवं 08 उप जेलों में प्रिजन कॉलिंग सिस्टम लगाये जायेंगे। इसके लिए 01 करोड़ 16 लाख का प्रावधान किया गया है।
जेलों की व्यवस्था से संबंधित विभिन्न कार्य जैसे. बंदी बैरक, सी.सी. रोड, आवासीय भवन एवं बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु 32 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए शासकीय आवास निर्माण हेतु 129 करोड़ एवं पुलिस चौकी, थाना एवं अन्य भवनों के निर्माण हेतु 71 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
न्याय व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण
राज्य के दूरस्थ एवं अंतिम छोर पर स्थित जिला बीजापुर में जिला एवं सत्र न्यायालय की स्थापना की जायेगी। इस हेतु 44 पदों का सृजन एवं 01 करोड़ 45 लाख का प्रावधान किया गया है।
40 व्यवहार न्यायालयों तथा 10 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालयों की स्थापना हेतु 360 पदों का सृजन एवं 21 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जिला मुंगेली में फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना के लिए 09 पदों का सृजन एवं 33 लाख का प्रावधान किया गया है।
कटघोरा जिला कोरबा मंे परिवार न्यायालय की स्थापना के लिए 19 पदों का सृजन एवं 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
महासमुंद एवं जगदलपुर में परिवार न्यायालय भवन तथा 24 स्थानों पर व्यवहार न्यायालय, इस प्रकार कुल 26 न्यायालय भवनों का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए 289 आवासीय भवनों का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 21 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उच्च न्यायालय भवन में वीडियो कांफ्रेसिंग व्यवस्था एवं वीडियो वाल की स्थापना तथा जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में लाइव स्ट्रीमिंग एवं रिकार्डिंग हेतु अतिरिक्त सेटअप एवं कंप्यूटर उपकरणों की व्यवस्था के लिए 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ई.कोर्ट मिशन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन हेतु हार्डवेयर इंजीनियर एवं डाटा एण्ट्री ऑपरेटर के 596 पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।
नगरीय सुविधाओं का विकास
नगरीय क्षेत्रों में सबके लिए आवास योजना अंतर्गत 01 हजार 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु अमृत मिशन योजना अंतर्गत 795 करोड़ एवं अधोसंरचना विकास मद अंतर्गत 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
रायपुर एवं बिलासपुर में स्मार्ट सिटी के लिए 404 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 206 करोड़ एवं यूज्ड वाटर मैनेजमेंट के लिए 166 करोड़ तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगरीय क्षेत्र में स्थित स्लम बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगर पंचायत कुनकुरी, प्रतापपुर, लोरमी एवं मनेन्द्रगढ़ में ड्रेनेज सिस्टम एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जायेगी। इस हेतु 07 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में ई.गवर्नेन्स के तहत बजट एण्ड अकाउंटिंग मॉड्यूल स्थापित किया जायेगा। 47 नगरीय निकायों में प्रॉपर्टी सर्वे किये जाने हेतु GIS आधारित सॉफ्टवेयर निर्माण किया जायेगा। इससे प्रॉपर्टी टैक्स की प्राप्तियों में पारदर्शिता आयेगी। इन कार्यों के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नगरीय निकायों में नालंदा परिसर की तर्ज पर 22 स्थानों पर सेन्ट्रल लाईब्रेरी सह रीडिंग जोन का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 148 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शहरों में जल की शुद्धता की ऑटोमेटेड जांच एवं प्रदर्शन प्रारंभ किया जायेगा। रतनपुर एवं डोंगरगढ़ में पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए ड्रिन्क फ्रॉम टेप का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जायेगा।
छोटे घरों के लिए 15 दिवस के अंदर कंप्यूटराईज्ड जांच प्रणाली के माध्यम से भवन निर्माण की अनुमति की व्यवस्था लागू की जायेगी।
आवास एवं पर्यावरण
प्रधानमंत्री ई.बस सेवा अंतर्गत वाहनों के क्रय एवं संचालन हेतु कुल 103 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। ग्रीन एनर्जी की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
स्टेट कैपिटल रीजन के एकीकृत विकास की योजना तैयार करने के लिए 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
आई.टी. इनेबल्ड सेवाओं के अनुकूल अधोसंरचना विकसित की जायेगी। इसके लिए 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नवा रायपुर अटल नगर में केन्द्रीय विद्यालय, मेडिकल हब एवं अन्य आंतरिक मार्गों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सिटी डेव्लपमेंट एवं इंवेस्टमेंट प्रमोशन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नवा रायपुर अटल नगर स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के लिए 206 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पर्यटन एवं संस्कृति
आम नागरिकों के लिए राज्य में पर्यटन सुविधा बढ़ाये जाने हेतु मुख्यमंत्री जन पर्यटन योजना प्रारंभ की जायेगी। इस हेतु 01 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
शक्ति पीठ परियोजना के अंतर्गत प्रदेश के 05 शक्ति पीठों को विकसित करने हेतु योजना तैयार की जायेगी। इस हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
विभागवार महत्वपूर्ण अभिलेखों को डिजिटल रूप में तैयार करके छत्तीसगढ़ वेब अभिलेखागार में जन.सामान्य को सुविधा के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। इस हेतु 03 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
गांेडी भाषा के विकास हेतु हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी भाषा से गांेडी भाषा में अनुवाद करने वाले सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जायेगा। इससे गोंडी भाषा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इस हेतु 02 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ की आदि भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ आदि भाषा परिषद का गठन किया जायेगा।
वन एवं जलवायु परिवर्तन
तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 05 हजार 500 की दर से संग्रहण शुल्क का भुगतान किया जायेगा।
वन क्षेत्रों में इको.टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई नीति जारी की जायेगी।
वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए किसान वृक्ष मित्र योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके अंतर्गत निजी भू.स्वामी एवं शासकीय एवं अर्धशासकीय संस्थाओं को वाणिज्यिक वृक्षारोपण के लिए सहायता अनुदान दिया जायेगा। इस हेतु 60 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
प्रदेश के वनों के संरक्षण एवं संवर्धन से जुड़े कार्यों के क्रियान्वयन हेतु कैम्पा योजना में 01 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वार्षिक कार्य योजना के अनुरूप वनों के प्राकृतिक पुनरूत्पादन हेतु 240 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
तेन्दुपत्ता संग्राहक परिवार के सदस्य को चरण पादुका वितरित करने हेतु 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
लेमरू हाथी रिजर्व परियोजना अंतर्गत फलदार प्रजातियों का वृक्षारोपण, चारागाह विकास, जल की उपलब्धता तथा हाथी.मानव द्वंद के कुशल प्रंबधन के लिए रैपिड रिस्पांस टीम के गठन इत्यादि कार्यो हेतु 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बारनवापारा अभ्यारण में पर्यटन सुविधाओं के विकास हेतु 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
विभाग के कार्यो का वेब एवं मोबाईल बेस्ड प्लेटफार्म तैयार किये जाने के उद्देश्य से प्रशासन सुदृढ़ीकरण योजना अंतर्गत 14 करोड़ 77 लाख का प्रावधान किया गया है।
वन विभाग द्वारा किये जाने वाले लकड़ियों की नीलामी के लिए ऑनलाईन ऑक्शन पोर्टल का उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा।
शिक्षित प्रदेश . विकसित प्रदेश
राष्ट्रीय शिक्षा नीति.2020 को तत्परता से लागू किया जायेगा। चरणबद्ध रूप से इसका क्रियान्वयन करते हुए प्रदेश के बच्चों एवं युवाओं को उनकी विशिष्ट योग्यता के अनुरूप विकास के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
डिजिटल एवं ए.आई. आधारित इको सिस्टम के माध्यम से शिक्षा की व्यवस्था की जायेगी।
शिक्षकों की भर्ती एवं पदस्थापना के लिए पोर्टल आधारित पारदर्शी, विश्वसनीय एवं सुगम व्यवस्था लागू की जायेगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति.2020 के प्रावधानों के अनुरूप रिसर्च, इनोवेशन, गुणवत्ता उन्नयन आदि कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ हायर एजूकेशन मिशन का गठन किया जायेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की भांति प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध रीति से छत्तीसगढ़ प्रौद्योगिकी संस्थानों की स्थापना की जायेगी।
प्रथम चरण में जशपुर, बस्तर, रायगढ़, कबीरधाम एवं रायपुर में इसी वर्ष से छत्तीसगढ़ प्रौद्योगिकी संस्थान के भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में स्टार्ट.अप, इनोवेशन एवं रिसर्च, को बढ़ावा देने हेतु सेन्ट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फेसिलिटी का उन्नयन किया जायेगा। इस हेतु 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, बस्तर में 20 नवीन शिक्षण विभाग में 33 नवीन स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे। इस हेतु 03 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में व्यवसाय मूलक पाठ्यक्रम के रूप में वाणिज्य अध्ययन शाला प्रारंभ की जायेगी।
आपराधिक न्यायिक तंत्र में निष्पक्ष परीक्षण एवं जांच के लिए उपयोगी सिद्ध हो रही फोरंेसिक साइंस विषय हेतु अध्ययन शाला प्रारंभ किये जायेंगे। इस हेतु 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
भवन विहीन 20 शासकीय महाविद्यालयों के नवीन भवन निर्माण हेतु 20 करोड़ तथा अन्य निर्माण कार्यों के लिए 10 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
15 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के नवीन विषय एवं संकाय खोले जायंेगे।
22 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर के नवीन विषय प्रारंभ किये जायेंगे।
सूरजपुर, गरियाबंद, कोण्डागांव, सुकमा एवं बलरामपुर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जायेगी।
भवन विहीन 57 शासकीय हाईस्कूलों एवं 39 शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूलों के भवनों का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नवा रायपुर, अटल नगर में संगीत महाविद्यालय एवं ग्राम बेन्द्री, विकासखंड अभनपुर, जिला रायपुुर में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा। इस हेतु 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नवा रायपुर, अटल नगर में लाईवलीहुड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पिपरिया जिला कबीरधाम में नवीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
विद्यार्थियों एवं आम जनता में विज्ञान के प्रति रूचि उत्पन्न करने एवं विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों को समझने के उद्देश्य से राजधानी में साइंस सिटी की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 34 करोड़ 90 लाख का प्रावधान किया गया है।
खगोल विज्ञान की लोकप्रियता को जन मानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से सूरजपुर जिले में एस्ट्रो पार्क की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण
प्रदेश के बी.पी.एल. परिवारों को 05 लाख तक एवं ए.पी.एल. परिवारों को 50 हजार तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किये गये हैं। इसके लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ शहीद वीरनारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना संचालित की जायेगी। इसके लिए 01 हजार 526 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना में 01 हजार 821 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर के लिए 700 करोड़ की लागत से नवीन भवन का निर्माण किया जायेगा।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर का 1200 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन किया जायेगा एवं 776 करोड़ की लागत से 700 बिस्तर अस्पताल का भवन निर्माण किया जायेगा।
अंबिकापुर में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की स्थापना की जाकर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के साथ संयोजित करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की भांति चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। इसके लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
राज्य के अस्पतालों को गुणवत्ता उन्नयन की दृष्टि से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) सर्टिफिकेशन कराया जायेगा। इस हेतु 12 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
गरियाबंद, कवर्धा, रायगढ़, मुंगेली, बैकुण्ठपुर, जशपुर एवं नारायणपुर के जिला चिकित्सालयों को आदर्श जिला चिकित्सालय के रूप में विकसित किये जाने हेतु 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में ट्रॉमा सेन्टर की स्थापना हेतु 02 करोड़ 70 लाख का प्रावधान किया गया है।
नवीन 05 जिले खैरागढ़.छुईखदान.गंडई, मनेन्द्रगढ़.भरतपुर.चिरमिरी, सारंगढ़.बिलाईगढ़, गौरेला.पेण्ड्रा.मरवाही एवं सक्ती में सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालयों की स्थापना की जायेगी।
मनेन्द्रगढ़ तथा कुनकुरी में 220 बिस्तर अस्पताल की स्थापना की जायेगी।
बस्तर में नर्सिंग कॉलेज के स्टाफ क्वार्टर हेतु 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
डीकेएस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल रायपुर एवं फिजियोथेरिपी महाविद्यालय रायपुर में छात्रावास के निर्माण हेतु 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
300 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 25 जिला चिकित्सालयों एवं 48 क्रियाशील फर्स्ट रिफरल यूनिट के लिए लैब टेक्निशियन के 373 पदों का प्रावधान किया गया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खड़गवा जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन के लिए 37 पदों का प्रावधान किया गया है।
उप स्वास्थ्य केन्द्र गोलावण्ड, जिला कोण्डागांव को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन हेतु 12 पदों का प्रावधान किया गया है।
सिविल अस्पताल कुरूद, जिला धमतरी को 50 बिस्तर अस्पताल से 100 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन किया जायेगा।
15 नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 276 पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।
शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में फिजियोथेरेपी, मानसिक स्वास्थ्य एवं नशा मुक्ति तथा योग संबंधी परामर्श सेवाओं के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजनांतर्गत 03 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
मनेन्द्रगढ़, सूरजपुर, बलरामपुर एवं कोण्डागांव में जिला आयुर्वेद कार्यालय प्रारंभ किये जायेंगे।
06 आयुर्वेद औषधालय रतनपुर जिला कोरिया, सेमरिया जिला रायपुर, निकुम जिला दुर्ग, चित्रकोट जिला बस्तर, सुपेबेड़ा जिला गरियाबंद तथा रेरूमाखुर्द जिला रायगढ़ में खोले जायेंगे।
जिला आयुर्वेद कार्यालय सूरजपुर में 10 बिस्तर के पॉली क्लिनिक की स्थापना की जायेगी।
भूमिहीन कृषि मजदूरों, श्रमिकों, निराश्रितों एवं दिव्यांगों की सहायता
भूमिहीन कृषि मजदूरों की सहायता हेतु दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। इसके लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
असंगठित श्रमिकों, असंगठित सफाई कर्मकारों, ठेका मजदूरों, घरेलू कामकाजी महिलाओं एवं हमालों के कल्याण हेतु अटल श्रम सशक्तिकरण योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
विभाग द्वारा असंगठित श्रमिकों के पंजीयन एवं योजनाओं के क्रियान्वयन के ऑनलाईन मॉनिटरिंग हेतु श्रमेव जयते पोर्टल आरंभ किया जायेगा। पोर्टल के विकास हेतु 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
निराश्रितों, वृद्धजनों, दिव्यांगों, विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को पेंशन योजनाओं का लाभ देने के लिए 01 हजार 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे लगभग 23 लाख हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिलेगा।
प्रदेश के दिव्यांगों के सामाजिक समावेश सुनिश्चित करने हेतु सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को दिव्यांग अनुकूल बनाया जायेगा। इस हेतु सुगम्य छत्तीसगढ़ अभियान में 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वाणिज्य एवं उद्योग
वर्तमान उद्योग नीति की समीक्षा करके नई उद्योग नीति जारी की जायेगी। इसमें राज्य में उपलब्ध कृषि उत्पाद, वनोपज एवं खनिज संपदा तथा रोजगार मूलक उद्योगों की स्थापना का ध्यान रखा जायेगा और नये उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ कोर सेक्टर में पूर्व से कार्यरत उद्योगों को क्षमता विकास के लिए अनुकूल अवसर प्रदान किये जायेंगे।
प्रदेश में आर्थिक और अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट के क्षेत्रों में उपलब्ध उपयुक्त शासकीय भूमि पर औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जायेगा। इसकी योजना निर्माण हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
नये औद्योगिक पार्कों की स्थापना हेतु 60 करोड़, फूड पार्क की स्थापना हेतु 50 करोड़, लागत पूंजी अनुदान हेतु 200 करोड़ एवं ब्याज अनुदान हेतु 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना प्रारंभ की जायेगी।
इन्वेस्ट इंडिया के तर्ज पर इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। इस हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में अत्याधुनिक छत्तीसगढ़ स्टार्ट.अप हब और नॉलेज प्रोसेस आऊट सोर्सिंग इकाईयां स्थापित करने एवं राज्य में एक समृद्ध नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किये जाने हेतु स्टार्ट.अप समिट का आयोजन किया जायेगा। इस हेतु 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जिला कोरबा में एल्यूमिनियम पार्क की स्थापना किये जाने हेतु 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के हैन्डलूम, हस्तशिल्प एवं अन्य स्थानीय उत्पादों के बिक्री एवं प्रचार.प्रसार के लिए मार्केट प्लेस उपलब्ध कराने हेतु राजधानी में यूनिटी मॉल की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 80 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
ऊर्जा विभाग
05 एच.पी. तक के कृषि पंपों को वार्षिक 07 हजार 500 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 03 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। योजना में 06 लाख 96 हजार कृषि पम्पों को लाभ मिल रहा है।
हाफ बिजली बिल योजना अंतर्गत 43 लाख 34 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट की खपत तक हाफ बिजली बिल योजना का लाभ प्रदाय किया जा रहा है। जिसके लिए 01 हजार 274 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण हेतु 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषकों को सिंचाई की सुविधा हेतु सोलर सिंचाई पम्पों की स्थापना हेतु 670 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बी.पी.एल. उपभोक्ता को प्रति माह 30 यूनिट की खपत पर निःशुल्क बिजली प्रदान की जाती है। इस हेतु एकल बत्ती कनेक्शन योजना हेतु अनुदान मद में 540 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सौर सामुदायिक सिंचाई योजना अंतर्गत 795 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने के उद्देश्य से 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
आई.टी. अधोसंरचना एवं आई.टी. इनेबल्ड सर्विसेस
प्रशासनिक कार्यों में तेजी, शासकीय धन के कपटपूर्ण संव्यवहार पर रोक तथा प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए आई.टी. अधोसंरचना का तेजी से विकास किया जायेगा। राजधानी मुख्यालय से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक प्रशासनिक कार्यों में आई.टी. इनेबल्ड सर्विसेस को बढ़ावा देने के लिए सभी विभागों में मिलाकर कुल 266 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह हमारी रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
राज्य शासन द्वारा संचालित सभी प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं की एकजाई मॉनिटरिंग अटल डैशबोर्ड के माध्यम से की जायेगी। इसके लिए 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शासकीय धन के आय.व्यय की दैनिक निगरानी के लिए एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS- 2.0) प्रारंभ की जायेगी।
भारत नेट परियोजना के तहत राज्य की 9,804 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाईबर केबल से जोड़ा जा चुका है। इसके रख.रखाव एवं संचालन के लिए 66 करोड़ की पूल निधि के गठन का प्रावधान किया गया है।
एकीकृत ई.प्रोक्योरमेंट परियोजना के नवीन संस्करण हेतु 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में वाई.फाई के माध्यम से हॉट-स्पॉट स्थापित कर प्रदेश भर में इंटरनेट की पहुंच बढ़ायी जायेगी। इस हेतु प्रथम चरण में 1,000 ग्राम पंचायतों में वाई.फाई की सुविधा के लिए पी.एम.वाणी परियोजना अंतर्गत 37 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शासन के विभिन्न विभागों द्वारा उपयोग किये जा रहे ई.परिसंपत्ति, मोबाईल एप, एवं वेबसाईट की सायबर सुरक्षा हेतु आवश्यक जांच एवं सर्टिफिकेशन की व्यवस्था की जायेगी।
अधोसंरचना निर्माण
प्रदेश में अधोसरंचना विकास एवं पूंजीगत व्यय को प्रोत्साहित करने के लिए लोक निर्माण विभाग के लिए 08 हजार 17 करोड़ के प्रावधान सहित कुल 22 हजार 300 करोड़ का पूंजीगत मद में प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान गत वर्ष के पूंजीगत प्रावधान से 20 प्रतिशत अधिक है।
राज्य मार्गों के निर्माण हेतु 190 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण हेतु 390 करोड़, ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु 747 करोड़, अनुसूचित जनजाति बाहूल्य क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण हेतु अतिरिक्त 200 करोड़, शहरी क्षेत्र के मार्ग हेतु 50 करोड़, वृहद एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 244 करोड़ तथा रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 01 हजार 690 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। इसमें से 01 हजार 268 सड़क कार्य हेतु 737 करोड़, 349 वृहद एवं मध्यम पुल निर्माण हेतु 175 करोड़ तथा 55 भवनों के निर्माण हेतु 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जगदलपुर, बिलासपुर एवं अम्बिकापुर एयरपोर्ट हेतु सुरक्षा उपकरण क्रय किये जाने हेतु 30 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
जशपुर हवाई पट्टी एवं बलरामपुर हवाई पट्टी का उन्नयन एवं सुधार हेतु 16 करोड़ 20 लाख का बजट प्रावधान किया गया है।
जिला मनेन्द्रगढ़.चिरमिरी.भरतपुर एवं जिला कोरिया अंतर्गत शहरों के विकास और स्थायित्व के लिए रेल्वे की महत्वपूर्ण परियोजना चिरमिरी.नागपुर हाल्ट की नई रेल लाईन हेतु राशि 120 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कटघोरा-डोंगरगढ़ रेल लाईन निर्माण तीव्र गति से किये जाने हेतु राशि 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कर प्रणाली का सुदृढ़ीकरण
कर प्रशासन में मजबूती एवं पारदर्शिता लाने के लिए सभी विभागों में आई.टी. टूल्स की सहायता ली जायेगी। कर प्राप्तियों में सुधार हेतु निगरानी तंत्र को भी मजबूत किया जायेगा।
राज्य की राजस्व प्राप्तियों का प्रमुख स्रोत वस्तु एवं सेवाकर है। वस्तु एवं सेवाकर के संकलन में सुधार एवं पारदर्शिता के लिए राज्य मुख्यालय में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की जायेगी। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एवं मशीन लर्निंग का उपयोग करते हुए data driven fraud analysis सहित राजस्व संवर्धन के अन्य उपाय सुनिश्चित किये जायेंगे। इस हेतु 09 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
वस्तु एवं सेवा कर संबंधी अपीलीय मामलों के त्वरित निराकरण हेतु अधिकरण की स्थापना के लिए 05 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
आबकारी करावंचन के प्रकरणों पर नियंत्रण हेतु प्रशासनिक व्यवस्था सुदृढ़ की जायेगी। इसके लिए विभागीय पदों में वृद्धि, निरीक्षण हेतु वाहन व्यवस्था एवं मॉनीटरिंग हेतु कंप्यूटर उपकरण इत्यादि के लिए 03 करोड़ 88 लाख का प्रावधान किया गया है।
भूमि एवं भवनों का हस्तांतरण तथा अन्य विविध पंजीकृत संव्यवहार हेतु राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (NGDRS) सॉफ्टवेयर का उपयोग सभी जिलों में लागू किया जायेगा। इससे धोखाधड़ी एवं बेनामी लेन.देन की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। विचाराधीन संपत्तियों का ऑटोवेल्यूवेशन मॉड्यूल के तहत बाजार मूल्य की ऑनलाईन गणना का विकल्प होने से राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि होगी। इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2024.25 का बजट अनुमान
अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2024.25 का बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूँ।
वर्ष 2024.25 में 01 लाख 47 हजार 500 करोड़ की कुल प्राप्ति का अनुमान है, जो गत वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों से 22 प्रतिशत अधिक है। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 68 हजार 400 करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 57 हजार 500 करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 21 हजार 600 करोड़ अनुमानित है।
वर्ष 2024.25 के लिए विनियोग का आकार 01 लाख 60 हजार 568 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 01 लाख 47 हजार 446 करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 01 लाख 24 हजार 840 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 22 हजार 300 करोड़ है।
वर्ष 2023.24 में पूंजीगत व्यय प्रावधान 18 हजार 660 करोड़ था। वर्ष 2024.25 में 22 हजार 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिए आदिवासी उप योजना मद में 33 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति विशेष घटक योजना मद में 13 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2024.25 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिये 45 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 35 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 20 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
राजकोषीय स्थिति
अध्यक्ष महोदय, हमारी सरकार द्वारा राजस्व संग्रहण के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग तथा प्रशासन को सरल एवं पारदर्शी बनाने के उपाय किये जा रहे हैं। इससे बिना कोई नया कर अधिरोपित किये राज्य के स्वयं के राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में राज्य का कुल ऋण भार 41 हजार 695 करोड़़ था जो विगत 05 वर्षों के दौरान बढ़कर 91 हजार 520 करोड़ हो गया। इस प्रकार राज्य निर्माण के पश्चात् 18 वर्षों में लिए गए ऋण से भी अधिक का ऋण पिछली सरकार द्वारा केवल 05 वर्ष के दौरान ले लिया गया। जनवरी 2024 की स्थिति में राज्य का कुल ऋण भार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में 18 प्रतिशत है।
वर्ष 2024.25 में राज्य का सकल वित्तीय घाटा 19 हजार 696 करोड़ अनुमानित है। जिसमें केन्द्र से पूंजीगत व्यय हेतु विशेष सहायता ऋण 03 हजार 400 करोड़ शामिल है। भारत सरकार के निर्देश अनुसार यह राज्य के वित्तीय घाटे का भाग नहीं है। अतः इसे कम करने पर राज्य का शुद्ध वित्तीय घाटा 16 हजार 292 करोड़ होगा। जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.90 प्रतिशत है। इस प्रकार एफ.आर.बी.एम. एक्ट में निर्धारित 03 प्रतिशत की सीमा में है।
राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 01 लाख 25 हजार 900 करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 01 लाख 24 हजार 840 करोड़ अनुमानित है। अतः वर्ष 2024.25 में कुल 01 हजार 60 करोड़ का राजस्व आधिक्य (Revenue Surplus) अनुमानित है।
कर प्रस्ताव
अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2024.25 के लिये कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है, न ही करों की दर में वृद्धि का कोई प्रस्ताव है।
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुआई में भारत आज विश्वगुरु की भूमिका में पुनः आ गया है। आज हम विश्व की 05 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। कभी बीच में सांप.सपेरों के देश की दुर्भाग्यजनक पहचान बना दिये गए भारत को आज विश्व महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है। अमृतकाल में अगले 05 सालों के भीतर ही हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। हम न केवल इस विकास के भागीदार हैं, बल्कि इस विकास में हमारा बढ़.चढ़कर योगदान अपेक्षित है। भले ही हमने अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन यह समय रुकने का नहीं है। मोदी जी के शब्दों में कहूँ तो यही समय है, सही समय है, जब हम कमर कसकर मां भारती को उसके पुरा वैभव की पुनर्स्थापना हेतु चल रहे महायज्ञ में भागीदार बनें। भले ही हमने बहुत कुछ हासिल कर लिया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ प्राप्त करना शेष है। यह समय रुक जाने का नहीं है, बल्कि देश की प्रगति के लिए चलते रहने का है।
गहन-सघन मनमोहक वन तरु, मुझको आज बुलाते हैं
किन्तु किए जो वादे मैंने, याद मुझे आ जाते हैं।
अभी कहाँ आराम बदा, यह मूक निमंत्रण छलना है
अभी तो मुझको, मीलों मुझको, मीलों मुझको चलना है।
अध्यक्ष महोदय, आदरणीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में वर्ष 2024.25 का बजट छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा की दिशा में हमारा पहला कदम है। “राम काज कीन्हे बिनु हमें कहाँ बिश्राम।” की भावनाओं के साथ वर्ष 2024.25 का वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अनुदान की मांगे सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूँ ।