रायपुर : डीएमएफ की राशि का उपयोग जनहित से जुड़े कार्यों में की जाए: मंत्री श्री लखनलाल देवांगन
Last Updated on 10 months by City Hot News | Published: February 2, 2024
- डीएमएफ अन्तर्गत शासी परिषद में प्रगतिरत कार्यों
- और नये प्रस्तावों पर हुई चर्चा
रायपुर(CITY HOT NEWS)//
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा है कि डीएमएफ की राशि गाइडलाइन के अनुरूप व्यय की जाए। उन्होंने कहा कि डीएमएफ मद के अंतर्गत जिले में स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य सुविधा सहित आवश्यकतानुसार अधोसंरचना की पूर्ति की जा सकती हेै। वे आज कोरबा में आयोजित जिला खनिज न्यास संस्थान के शासी परिषद को सम्बोधित कर रहे थे, बैठक में उन्होंने डीएमएफ के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि कोरबा आदिवासी बाहुल जिला है और प्रधानमंत्री ने जिले के खनिजों से प्राप्त रायल्टी से संबंधित जिले के विकास हो सके इसके लिए अनेक अधिकार परिषद को दिए हैं। डीएमएफ से जिले में स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य सुविधा सहित आवश्यकतानुसार अधोसंरचना की पूर्ति की जा सकती हेै। बैठक में उन्होंने विभागों और जन प्रतिनिधियों से प्राप्त विकास कार्यों के प्रस्तावों पर चर्चा की और कहा कि जिले के विकास से संबंधित प्रस्तावों को शीघ्र ही प्रस्तुत करें। विधायक कटघोरा श्री प्रेमचंद पटेल, विधायक रामपुर श्री फूलसिंह राठिया और जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने शासी परिषद अन्तर्गत बैठक के विषय में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में शासी परिषद के सभी सदस्य, अधिकारी पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ संबित मिश्रा, डीएफओ श्री अरविंद पीएम, कुमार निशांत, नगर निगम कोरबा आयुक्त श्रीमती प्रतिष्ठा ममगाई उपस्थित थीं।
प्रस्तावों, कार्य योजनाओं पर हुई चर्चा –
बैठक में नोडल अधिकारी, अपर कलेक्टर दिनेश कुमार नाग ने बताया कि सेक्टर अनुसार प्रगतिरत कार्यों की जानकारी, अप्रारंभ कार्यों की जानकारी प्रदान की गई। जिला खनिज न्यास संस्थान अन्तर्गत अन्य जिलों को राशि अन्तरण उपरांत कुल प्राप्त राशि 2274.53 करोड़ में से 2134.84 करोड़ व्यय होने तथा 139.70 करोड़ राशि शेष होने की जानकारी प्रदान की गई। प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के प्रावधानों के अन्तर्गत 60 प्रतिशत कार्यों को उच्च प्राथमिकता क्षेत्र एवं 40 प्रतिशत कार्यों को अन्य प्राथमिकता के क्षेत्र में शामिल किया गया है।