फ्रांस में लग्जरी ब्रैंड्स के शोरूम में तोड़फोड़, : तीन महीने से पेंशन योजना का विरोध जारी, लाखों लोग सड़कों पर उतरे…

Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 14, 2023

पेरिस// पेरिस में नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को कई लग्जरी ब्रैंड्स के शोरूम में तोड़फोड़ कर दी। सड़क पर खड़ी गाड़ियों में आग भी लगा दी। प्रदर्शन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पेरिस समेत कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। फ्रांस 24 की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 लाख 80 हजार लोग सड़कों पर उतरे। इनमें से 42 हजार लोगों ने पेरिस में प्रोटेस्ट किया।

इस फुटेज में प्रदर्शनकारियों को लग्जरी शोरूम के अंदर जाते और विरोध करते हुए देखा जा सकता है। - Dainik Bhaskar

इस फुटेज में प्रदर्शनकारियों को लग्जरी शोरूम के अंदर जाते और विरोध करते हुए देखा जा सकता है।

दरअसल, फ्रांस में नई पेंशन योजना का विरोध पिछले 3 महीन से जारी है। इसके तहत रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 64 की गई है। मार्च 2023 में रिटायरमेंट एज बढ़ाने वाला बिल संसद में पारित होकर कानून बन गया था। इसका विरोध हुआ, जिसके बाद आज फ्रांस की कॉन्स्टिट्यूशन काउंसिल फैसला सुनाएगी कि आखिर ये कानून संविधान की नजर में सही है या नहीं और क्या इसे लागू किया जाना चाहिए या नहीं।

पिछले 24 घंटे में हुए विरोध प्रदर्शन की 5 तस्वीरें देखें…

प्रदर्शन को उग्र होने से रोकने के लिए पेरिस में 11 हजार 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

प्रदर्शन को उग्र होने से रोकने के लिए पेरिस में 11 हजार 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

ये फ्रांस के सर्वोच्च प्रशासनिक न्यायालय कॉन्सिल डी'एटैट की तस्वीर है। यहां प्रदर्शन को देखते हुए कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

ये फ्रांस के सर्वोच्च प्रशासनिक न्यायालय कॉन्सिल डी’एटैट की तस्वीर है। यहां प्रदर्शन को देखते हुए कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

ये फोटो पेरिस की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12 अप्रैल से अब तक यानी तीन दिन में पुलिस ने यहां प्रदर्शन कर रहे 36 लोगों को हिरासत में लिया है।

ये फोटो पेरिस की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12 अप्रैल से अब तक यानी तीन दिन में पुलिस ने यहां प्रदर्शन कर रहे 36 लोगों को हिरासत में लिया है।

पेरिस में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर खड़ी एक कार में आग लगा दी।

पेरिस में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर खड़ी एक कार में आग लगा दी।

पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है।

पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही है।

अब विस्तार से जानें 3 महीने में क्या हुआ…

  • जनवरी 2023 में सरकार ने पेंशन योजना में सुधार की बात कही, प्रदर्शन शुरू हुए

जनवरी 2023 में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेंशन सुधार की बात कही। इसको लेकर बनाई गई योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन शुरू हुए। इसमें कहा गया कि योजना से जुड़ा एक बिल संसद में पारित होने के बाद रिटायरमेंट की उम्र को 62 से बढ़ा कर 64 कर देगा। साथ ही पूरी पेंशन के लिए जरूरी न्यूनतम सेवा काल की अवधि को भी बढ़ा देगा। यानी 2027 से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल 43 साल काम करना होगा। अभी तक ये न्यूनतम सेवा काल 42 साल था।

ये तस्वीर 19 जनवरी की है। फ्रांस की इंटीरियर मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस दिन 11 लाख 20 हजार लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। 80 हजार लोग तो सिर्फ पेरिस में ही प्रदर्शन कर रहे थे।

ये तस्वीर 19 जनवरी की है। फ्रांस की इंटीरियर मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस दिन 11 लाख 20 हजार लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। 80 हजार लोग तो सिर्फ पेरिस में ही प्रदर्शन कर रहे थे।

  • नेशनल असैंबली में बिना वोटिंग पास हुआ था बिल, अविश्वास प्रस्ताव लाया गया

ये बिल 11 मार्च 2023 को सीनेट (फ्रांस की संसद का अपर हाउस) में पास हो गया। इसके बाद 16 मार्च को एक जॉइंट कमेटी ने इसे रिव्यू करके अप्रूव कर दिया। 17 मार्च को संसद को दोनों सदनों में इस पर फाइनल वोटिंग होनी थी। लेकिन नेशनल असैंबली में प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने संवैधानिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए बिना वोटिंग के ही बिल पास करवा दिया। PM ने आर्टिकल 49.3 का इस्तेमाल किया जिसके तहत बहुमत न होने पर सरकार के पास बिना वोटिंग के बिल पास कराने का अधिकार है। इसके बाद विपक्षी नेता मरीन ले पेन ने इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी।

ये फुटेज 17 मार्च का है। बिल पास होने बाद लोगों ने आर्टिकल 49.3 के इस्तेमाल का विरोध किया था।

ये फुटेज 17 मार्च का है। बिल पास होने बाद लोगों ने आर्टिकल 49.3 के इस्तेमाल का विरोध किया था।

  • फ्रांस की सरकार अविश्वास मत जीती

21 मार्च 2023 को फ्रांस की संसद में दो अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। सरकार दोनों अविश्वास मत जीत गई। इसी के साथ रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने वाला बिल अब कानून बन गया। लेकिन इसके लागू किए जाने पर सवाल खड़े होने लगे। जिसके बाद फाइनल वर्डिक्ट के लिए इसे कॉन्स्टिट्यूशन काउंसिल के पास भेजा गया। अविश्वास मत को पास होने के लिए 287 वोट चाहिए थे, लेकिन 278 वोट ही मिले। अगर प्रस्ताव पास हो जाता तो मैक्रों सरकार गिर जाती और नया चुनाव करवाया जाता।

ये तस्वीर नेशनल असैंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान की है। यहां कई सांसदों ने भी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

ये तस्वीर नेशनल असैंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान की है। यहां कई सांसदों ने भी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

नई पेंशन योजना देश हित के लिए जरूरी : मैंक्रों
22 मार्च को दिए एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था- मुझे इस बिल का कोई अफसोस नहीं है। हम देश हित के लिए जरूरी है। मुझे सिर्फ एक बात का दुख है कि मैं फ्रांस के लोगों को इस बिल की जरूरत नहीं समझा पाया। कोरोना के बाद देश में महंगाई बढ़ गई है। इसी वजह से हमें इस बिल की जरूरत है।

सरकार इसे फ्रांस की शेयर-आउट पेंशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में बता रही है। सरकार का कहना है कि काम करने वालों और सेवानिवृत्त लोगों के बीच का अनुपात तेजी से कम हो रहा है। जिसे देखते हुए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ज्यादातर यूरोपियन कंट्रीज ने रिटायरमेंट एज बढ़ाई है। इटली और जर्मनी में रिटायरमेंट की उम्र 67 साल है। स्पेन में ये 65 साल है। ब्रिटेन में रिटायरमेंट की उम्र 66 साल है।

रिटायरमेंट एज बढ़ने से जल्द मरने की आशंका
विरोध प्रदर्शन में सफाईकर्मी भी शामिल हैं। 13 मार्च 2023 को कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें पेरिस की सड़कों पर कचरे का अंबार दिख रहा था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि रिटायरमेंट एज बढ़ाए जाने के विरोध में सफाईकर्मियों ने काम करने से मना कर दिया।

इस वीडियो में पेरिस की सड़कों पर जमा कचरे के बैग दिख रहे हैं।

इस वीडियो में पेरिस की सड़कों पर जमा कचरे के बैग दिख रहे हैं।

एक सफाईकर्मी ने कहा- कचरा उठाने वालों की रिटायरमेंट एज 57 साल है। वहीं, सीवर साफ करने वालों की रिटायरमेंट एज 52 साल है। अगर नई पेंशन योजना लागू हो गई, तो इन्हें दो साल और काम करना होगा। इसका असर उनकी लाइफ पर पड़ेगा। क्योंकि वो दिन के चार से पांच घंटे सीवर के अंदर रहते हैं। सफाई के दौरान कई तरह की गैस निकलती हैं। सफाईकर्मी सीधे तौर पर इन गैसों के संपर्क में रहते हैं, जिससे उनके बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं।

उन्होंने कहा- कई कर्मचारी 40 की उम्र पार करने के ही कमजोर होने लगते हैं। कुछ की तो मौत भी हो जाती है। कुछ हेल्थ रिसर्च में कहा गया है कि बाकी आबादी की तुलना में सीवेज कर्मचारियों के 65 साल की उम्र से पहले मरने की संभावना दोगुनी होती है।