एनएमडीसी ने साइबर सुरक्षा जागरूकता पर वार्ता का किया आयोजन

Last Updated on 2 years by Master | Published: October 8, 2022

हैदराबाद: राष्ट्रीय खनिक एनएमडीसी ने आज हैदराबाद में अपने प्रधान कार्यालय में साइबर सुरक्षा जागरूकता पर एक व्याख्यान आयोजित किया। कंपनी देश की साइबर सुरक्षा की समग्र मजबूती को बढ़ाने के लिए हर वर्ष अक्टूबर में सार्वजनिक और निजी कंपनियों द्वारा एक साथ मनाए जाने वाले राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह को मना रही है।

एनएमडीसी के सीएमडी श्री सुमित देब और निदेशक (वित्त) श्री अमिताभ मुखर्जी ने एनएमडीसी में एक सुरक्षित साइबर बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्रोत्साहित किया, जबकि ई एंड वाई के पार्टनर श्री कृष्ण शास्त्री पी, ने मुख्य भाषण दिया।

श्री कृष्ण शास्त्री पी ने साइबर अपराध की वैश्विक लागत पर आंकड़े प्रस्तुत किए और अगली पीढ़ी के साइबर हमलों की जानकारी दी। उन्होंने व्यक्तियों, संगठनों और राष्ट्रों में साइबर अनुशासन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

एनएमडीसी के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ” एनएमडीसी अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, अतः आने वाले समय में साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कंपनी ने एक मजबूत सूचना सुरक्षा प्रबंधन और शासन प्रणाली स्थापित की है। एनएमडीसी कर्मचारियों को साइबर जागरूकता का प्रदर्शन करना चाहिए और कंपनी और देश के ‘फायरवॉल’ को मजबूत करना चाहिए।

श्री अमिताभ मुखर्जी ने कहा, ‘यह कहना मुश्किल है कि आज हम प्रौद्योगिकी के स्वामी हैं या प्रौद्योगिकी के गुलाम हैं, लेकिन तथ्य यह है कि समय प्रौद्योगिकी का ही है। उपयोगकर्ता इस बात पर ध्यान दें कि वे अपने कार्यव्यवहार में परिवर्तन के साथ प्रौद्योगिकी का किस प्रकार प्रयोग कर सकते हैं। हालांकि एनएमडीसी के साइबर योद्धा हमारी रक्षा के लिए दिन-रात काम करते हैं, हमें भी जिम्मेदारी से वेब का इस्तेमाल करना चाहिए।“

श्री सुमित देब ने आज के विचार-विमर्श की सराहना करते हुए कहा कि ” भारत सरकार के डिजिटल इंडिया के विजन का उद्देश्य देश के लोगों और संगठनों को सशक्त बनाना है। इस दृष्टिकोण के अनुरूप, एनएमडीसी डिजिटलीकरण और स्वचालन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह हमारी कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह हमारे कर्मचारियों और हितधारकों की रक्षा करे क्योंकि वे डिजिटल दुनिया में सतर्क, जागरूक और सुरक्षित रहकर हमारी रक्षा करते हैं।“