विष्णुदेव साय चुने गए छत्तीसगढ़ के नए CM:बीजेपी विधायक दल की बैठक में फैसला…अधिकारिक घोषणा होना बाकी…डिप्टी सीएम के नाम पर भी चर्चा

  • विष्णु देव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए CM, बीजेपी विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला

रायपुर// छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे। बीजेपी की विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इसकी अधिकारिक घोषणा होना बाकी है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक हो रही है। बीजेपी की ओर से नियुक्त तीनों पर्यवेक्षकों समेत पार्टी के बड़े नेता बैठक में मौजूद हैंं। इससे पहले रमन सिंह और संगठन महामंत्री पवन साय के साथ पर्यवेक्षकों ने चर्चा की। दूसरी तरफ, ऑब्जर्वर अर्जुन मुंडा, दुष्यंत कुमार गौतम और सर्बानंद सोनोवाल विधायकों से चर्चा कर रहे हैं।विष्णुदेव साय प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री होंगे.

विष्णुदेव साय कुनकुरी से विधायक हैं और प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता हैं। वे 2 बार छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि, इन्हें जिताइए, मैं इनको बड़ा आदमी बना दूंगा। वहीं आज विधायक दल की बैठक से पहले रमन सिंह और संगठन महामंत्री पवन साय के साथ भी पर्यवेक्षकों ने चर्चा की थी।

रमन सिंह ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ में डिप्टी सीएम का पद भी हो सकता है। विधायक दल की बैठक से पहले रमन सिंह और संगठन महामंत्री पवन साय के साथ पर्यवेक्षकों ने चर्चा की। दूसरी तरफ, ऑब्जर्वर अर्जुन मुंडा, दुष्यंत कुमार गौतम और सर्बानंद सोनोवाल विधायकों से चर्चा कर रहे हैं।

तस्वीर विष्णुदेव साय की है, जब वह बीजेपी दफ्तर के अंदर जा रहे थे।

तस्वीर विष्णुदेव साय की है, जब वह बीजेपी दफ्तर के अंदर जा रहे थे।

तीन चरणों में बीजेपी की बैठक

बीजेपी की बैठक तीन चरणों में हो रही है। सबसे पहले तीनों पर्यवेक्षक अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार गौतम की बैठक प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, नितिन नबीन और अजय जामवाल के साथ हुई। इसके बाद संगठन महामंत्री पवन साय और रमन सिंह के साथ तीनों पर्यवेक्षक ने बैठक कर उनकी राय जानी। तीसरे चरण में विधायक दल की बैठक हो रही है। इसमें सभी विधायकों से एक साथ के अलावा विधायकों से वन-टु-वन चर्चा भी हो सकती है। फिर पर्यवेक्षकों की ओर से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होगा।

कौन हैं विष्णुदेव साय ?

विष्णुदेव साय का जन्म 21 फवरी 1964 में जशपुर जिले के बगिया गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी स्थित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से की है. उनका एक बेटा और दो बेटियां है. विष्णुदेव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1989 में ग्राम पंचायत बगिया के पंच के रूप में की थी. विष्णुदेव साय कुनकुरी विधानसभा से आते हैं. वे आदिवासी समुदाय से आते हैं. बीजेपी इस बार आदिवासी समुदाय से किसी को मुख्यमंत्री बना सकती है. विष्णुदेव साय 2020 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. इतना ही नहीं साय की गिनती संघ के करीबी नेताओं में होती है. वह रमन सिंह के भी करीबी हैं. साल 1999 से 2014 तक वह रायगढ़ से सांसद रहे हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय को केंद्र में मंत्री बनाया गया, जिसके बाद इन्होंने संगठन पद से इस्तीफा दे दिया था.

जानिए राजनीतिक सफर

विष्णुदेव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1989 में ग्राम पंचायत बगिया के पंच के रूप में की थी. इसके बाद 1990 में निर्विरोध सरपंच चुने गए. 1990 में उन्होंने पहली बार जिले के तपकरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीतकर अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक बने. 1999 से 2014 तक लगातार तीन बार रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए. 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार में इन्हें केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री का उत्तरदायित्व दिया गया था. साय को संगठन में काम करने का भी लंबा अनुभव है. पार्टी ने उन्हें 2006 और 2020 में दो बार प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा. वर्तमान में विष्णुदेव साय भाजपा के राष्ट्रीय कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं.

दादा और दो भाई भी रह चुके हैं विधायक

विष्णुदेव के दादा स्व. बुधनाथ साय 1947-1952 तक विधायक मनोनीत हुए. जनसंघ के समय विष्णुदेव के बड़े पिताजी स्व. नरहरि प्रसाद साय सन् 1962-1967 तक लैलूंगा विधानसभा से विधायक रहे. 1972-1977 तक बगीचा विधानसभा से विधायक रहे. 1967 से 1979 तक सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे. बड़े पिताजी स्व. केदारनाथ 1967-1972 तक तपकरा विधानसभा से विधायक रहे.

बैठक में लगी नाम पर मुहर

छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री चुनने के लिए प्रदेश में तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई थी. भाजपा विधायक दल की बैठक में विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगाई गई. छत्तीसगढ़ में तीनों पर्यवेक्षकों ने विधायक दल के नेता के नाम का एलान किया.