यूक्रेन में तैनात हैं अमेरिका, ब्रिटेन और NATO फोर्स: पेंटागन की लीक हुई फाइल्स में खुलासा; US ने माना- रूस के आगे यूक्रेनी फौज कमजोर…
Last Updated on 2 years by City Hot News | Published: April 12, 2023
वॉशिंगटन// रूस-यूक्रेन जंग के बीच ब्रिटेन की स्पेशल मिलिट्री फोर्स यूक्रेन में तैनात है। इसके अलावा अमेरिका की 14 टुकड़ियां भी यूक्रेन में मौजूद हैं। यूक्रेन में ब्रिटेन के विशेष बलों की 50 टुकड़ियां हैं, जो वहां सबसे बड़ी विदेशी फौज है। इसके बाद NATO के कई दूसरे देशों की टुकड़ियां भी मौजूद हैं। इनमें लातविया की 17 टुकड़ी, फ्रांस की 15 और नीदरलैंड्स की 1 टुकड़ी शामिल है। ये खुलासा अमेरिका के लीक हुए क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स में हुआ है। इस डॉक्यूमेंट पर 23 मार्च तारीख लिखी हुए है।
वहीं कुछ दूसरे दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिका मानता है कि यूक्रेन में चल रहे रूसी सैन्य ऑपरेशन में काफी कमियां हैं जो आगे चलकर उसके लिए परेशानी पैदा करेंगी। वहीं यूक्रेन के हथियार और एयर डिफेंस भी काफी कमजोर है जिसकी वजह से कुछ महीनों बाद जंग में गतिरोध की स्थिति बन जाएगी। ये खुलासा जंग को लेकर अमेरिका के क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स के लीक होने पर हुआ है।
अमेरिका के लीक हुए डॉक्यूमेंट में मिली रूस-यूक्रेन जंग से जुड़े मैप की तस्वीर।
यूक्रेन बोला- डॉक्यूमेंट्स की जानकारियां गलत
क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स लीक होने के बाद जंग से जुड़े लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। जंग के बीच यूक्रेन में NATO फोर्स कहां तैनात है इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। रिपोर्ट वायरल होने के बाद यूक्रेन के डिफेंस मिनिस्टर ने कहा- लीक हुए क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स में कई गलत जानकारियां मौजूद हैं। लोगों को इस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। हालांकि, BBC के मुताबिक, पेंटागन एक बयान में इन डॉक्यूमेंट्स को सही ठहरा चुका है।
गेमर्स के चैटरूम पर लीक हुई थीं फाइल्स
वहीं, AP की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग से जुड़े अमेरिक के क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स सबसे पहले गेमर्स के बीच पॉपुलर एक सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लीक हुए थे। डिस्कॉर्ड नाम का ये प्लैटफॉर्म गेमर्स के बीच चैटिंग के लिए मशहूर है। इसी के चैटरूम पर एक यूजर ने ये फाइल्स शेयर की थीं। इन पर क्लासिफाइड लिखा हुआ था।
इसके बाद वहां जंग को लेकर काफी डिबेट भी हुई। धीरे-धीरे यूजर क्लासिफाइड पेपर्स बाकी सोशल मीडिया साइट्स पर भी शेयर करने लगा। हालांकि ये कौन था इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
लीक हुए US क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स सबसे पहले गेमर्स के सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म डिस्कॉर्ड पर दिखे हुए थे।
रूस को 40 हजार रॉकेट भेजने की तैयारी में मिस्र
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, लीक हुए डॉक्यूमेंट्स में ये भी बताया गया है कि इजिप्ट गुप्त तरह से जल्द ही रूस को जंग के लिए 40 हजार रॉकेट भेजने वाला है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने अपने सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की जिसमें उन्होंने रूस को तोपें और बारूद देने पर भी चर्चा की।
रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिकी स्टेट कनेक्टिकट के जूनियर सीनेटर क्रिस मर्फी ने कहा- अगर यह सच है कि मिस्र रूस के लिए गुप्त रूप से रॉकेट बना रहा है, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन में किया जा सकता है, तो हमें उनसे अपने संबंधों को लेकर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। वहीं मिस्र के मिलिट्री प्रोडक्शन के मिनिस्टर मोहम्मद सलाह अल-दीन ने कहा- रूस पहले मिस्र की मदद कर चुका है। हम उनके एहसानमंद रहे हैं और इसलिए हमने उनकी मदद करने का फैसला किया है।
लीक के बाद डॉक्यूमेंट्स का डेटा बदला
दस्तावेज लीक होने के बाद अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा था कि ये बदलाव रूस द्वारा गलत जानकारी फैलाने की कोशिश हो सकती है। हालांकि, ओरिजिनल डॉक्यूमेंट में मौजूद वेपन डिलवरी, सैन्य ताकत और दूसरी खुफिया जानकारी से जुड़ी तस्वीरों का लीक होना अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी के सिक्योरिटी सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। बाइडेन सरकार लगातार इन डॉक्यूमेंट्स को डिलीट करनी की कोशिश कर रही है।
तस्वीर में यूक्रेन में मौजूद अमेरिकी हथियार और मिलिट्री टैंक्स नजर आ रहे हैं।
अगले महीने जारी होगा यूक्रेन के हमले का प्लान
दस्तावेजों में अमेरिका और यूक्रेन के एग्जैक्ट बैटल प्लान्स की जानकारी नहीं थी। जैसे कि यूक्रेन कैसे, कब और कहां हमला करने वाला है, जिसे लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि प्लान अगले महीने तक जारी होने वाला था। लीक हुए डॉक्यूमेंट्स 5 हफ्ते पुराने हैं और इसमें 1 मार्च तक जंग को लेकर अमेरिकी और यूक्रेनी दृष्टिकोण और आगे आने वाले समय में सैनिकों की रिक्वायरमेंट से जुड़ा डेटा मौजूद था।