रायपुर : विश्व आदिवासी दिवस की गूंज ईब से इंद्रावती तक
Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: August 9, 2023
- आदिवासियों की हक औऱ न्याय के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सदैव तैयार-मुख्यमंत्री श्री बघेल
- विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया वन अधिकार पट्टे का वितरण
- बड़ी संख्या में हुआ हितग्राही मूलक सामग्रियों का वितरण
रायपुर(CITY HOT NEWS)//
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सरगुजा जिले के सीतापुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस की गूंज ईब से इंद्रावती तक सुनाई दे रही है। हमने विश्व आदिवासी दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की, उसके बाद से आदिवासी समाज के लोग बढ़-चढ़कर विश्व आदिवासी दिवस मनाते हैं।
श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार विगत पौने पांच सालों से आदिवासी समुदाय के साथ-साथ सभी वर्गों के हित के लिए लगातार कार्य कर रही है। किसी ने भी नहीं सोचा था कि गोबर की भी खरीदी होगी, लेकिन हमने यह कर दिखाया औऱ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
आदिवासियों के आर्थिक-सामाजिक जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हमने तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया है, वनोपजों की खरीदी की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 की है। इसी प्रकार से वन प्रबंधन समिति को 44 करोड़ रुपए लाभांश राशि का अंतरण भी आज उनके खातों में किया गया। कोदो-कुटकी, रागी जैसे लघुधान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स मिशन का गठन किया और इस तरह अब बड़े शहरों के बड़े-बड़े होटलों में भी मिलेट्स के व्यंजन और भोजन मिलने लगे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हित और न्याय के लिए हमारी सरकार सदैव तैयार है। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल हो चाहे बेरोजगारी भत्ता, राजीव युवा मितान क्लब हो या सुपोषण अभियान हमने हर दिशा में दशा सुधारने की पहल की है और उसी का परिणाम रहा है कि आज छत्तीसगढ़ मॉडल को देश में सराहा जा रहा है।
आज छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्राम पंचायतों को परब सम्मान निधि की दूसरी किश्त जारी की है। इससे सभी पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित होगा। पंचायत के द्वारा पर्वों उत्सवों में इस पैसे को खर्च किया जाएगा। हमारी सरकार बनते ही जो सबसे पहला काम किसानों की ऋण माफी का कार्य किया। छत्तीसगढ़ की सरकार पहली सरकार है जिसने भूमि अधिग्रहण बिल पारित होने के बाद सबसे पहले आदिवासियों की जमीन लौटाई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने फैसला लिया कि यदि पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है तो नवजात शिशु को भी जाति प्रमाण पत्र तुरंत मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने जगदलपुर के आसना में बादल नाम की संस्था की स्थापना की। वहां हम आदिवासी संस्कृति, साहित्य और परंपरा को सहेजने का काम कर रहे हैं। बस्तर में बहुत सारी जनजातियां हैं उसी प्रकार से सरगुजा में बहुत सारी जनजातियां रहती हैं। सरगुजा में भी आदिवासियों की संस्कृति को सहजने के लिए एक संस्था का निर्माण की बात उन्होंने कही।
कार्यक्रम में हितग्राहियों को वन अधिकार पट्टे का वितरण किया गया। इसके साथ ही शासकीय योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री एवं दस्तावेजों का वितरण एवं विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया गया।