गरियाबंद में मलेरिया से 2 बच्चों की मौत: पॉजिटिव निकलने पर भी छात्र को नहीं भेजा अस्पताल; लापरवाही से बच्ची की भी गई जान…

Last Updated on 1 year by City Hot News | Published: July 21, 2023

गरियाबंद// गरियाबंद जिले के छोटे गोबरा में रहने वाले 2 बच्चों की मौत पिछले 2 दिनों में मलेरिया से हो गई है। शुक्रवार सुबह 6 बजे छोटे गोबरा निवासी वीरेंद्र नागवंशी के 11 साल के बेटे डिगेश्वर ने भी दम तोड़ दिया। डिगेश्वर 5वीं कक्षा का छात्र था। ग्राम सरपंच राम स्वरूप मरकाम ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। 19 जुलाई को भी एक बच्ची की मौत मलेरिया से हो गई थी। इधर मलेरिया से हुई 2 मौतों ने मैनपुर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक, 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले डिगेश्वर नागवंशी की मौत स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से होने की बात सामने आ रही है। मितानिन की जांच में मलेरिया पॉजिटिव पाए गए डिगेश्वर का इलाज ठीक से नहीं किया गया। उसे अस्पताल तक ले जाना जरूरी नहीं समझा गया, केवल थोड़ी-बहुत दवा देकर घर भेज दिया गया। उचित इलाज के अभाव में बच्चे ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया।

5वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र डिगेश्वर नागवंशी (11 वर्ष) की मौत मलेरिया से हो गई है।

5वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र डिगेश्वर नागवंशी (11 वर्ष) की मौत मलेरिया से हो गई है।

अब उसकी मौत के बाद दोबारा स्वास्थ्य विभाग जांच करने की बात कह रहे हैं। वहीं BMO गजेंद्र ध्रुव इस मामले में कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए। सरपंच ने बताया कि तबियत बिगड़ने पर बुधवार को स्वास्थ्य कार्यकर्ता अनीता वर्मा ने किट से जांच कर बच्चे को मलेरिया होने की पुष्टि की थी।

मैनपुर स्वास्थ्य विभाग ने छोटे गोबरा गांव में शिविर लगाया है।

मैनपुर स्वास्थ्य विभाग ने छोटे गोबरा गांव में शिविर लगाया है।

19 जुलाई को 6वीं की बच्ची ने तोड़ दिया था दम

बता दें कि 19 जुलाई को भी छोटे गोबरा गांव में छठवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा योगिता की मौत मलेरिया से हो गई थी। परिजनों ने बताया कि योगिता की तबियत 16 जुलाई से बिगड़ रही थी। इसके बाद उसकी मलेरिया जांच कराई गई थी। 17 जुलाई को गांव की मितानिन ने जांच में मलेरिया की पुष्टि होने की जानकारी दी।

तबियत बिगड़ने पर परिजनों ने मैनपुर 108 संजीवनी एक्सप्रेस को कॉल किया, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद परिजन बच्ची को धमतरी जिले के नगरी स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए और वहां भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान बच्ची ने 19 जुलाई को दम तोड़ दिया।

120 लोगों की जांच करने पर एक दिन पहले 5 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं।

120 लोगों की जांच करने पर एक दिन पहले 5 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं।

इधर मैनपुर स्वास्थ्य विभाग की गैर जिम्मेदारी इतनी कि मलेरिया रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बावजूद BMO गजेंद्र ध्रुव ने योगिता की मौत मलेरिया से होने की बात को खारिज कर दिया।मैनपुर स्वास्थ्य विभाग ने 20 जुलाई को जब गांव में शिविर लगाकर लोगों की जांच की, तो 120 लोगों में से 5 मलेरिया पॉजिटिव पाए गए।

बता दें कि आदिवासी बहुल मैनपुर में बरसात शुरू होते ही मलेरिया का कहर शुरू हो जाता है, लेकिन ब्लॉक स्तर के अधिकारी लापरवाह बने रहते हैं। दो दिन में हुई 2 आदिवासी बच्चों की मौत के बाद यहां ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है।

मैनपुर ब्लॉक का छोटे गोबरा गांव इन दिनों मलेरिया की चपेट में है।

मैनपुर ब्लॉक का छोटे गोबरा गांव इन दिनों मलेरिया की चपेट में है।

जुलाई महीने में अब तक 47 लोगों को मलेरिया

मैनपुर ब्लॉक में इस साल जुलाई माह में अब तक 47 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि जनवरी से अब तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 61 है। पिछले साल 2022 में 261 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाए गए थे। जिले में सबसे अधिक मलेरिया के मरीज मैनपुर ब्लॉक में पाए गए हैं।